रंग लाया सरकार का प्रयास, अब इतिहास बन जाएंगे सीमा पर लगे ईस्ट पाकिस्तान वाले पिलर्स

बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद हुए 47 साल हो चुके हैं, लेकिन 1971 से पहले बांग्लादेश को ईस्ट पाकिस्तान कहा जाता था और आज तक भारत की सीमा पर यही नाम चल रहा था, लेकिन मोदी सरकार के प्रयास के बाद अब इस नाम के पिलर हटा दिए जाएंगे.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

जितेंद्र बहादुर सिंह / सुरेंद्र कुमार वर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 8:18 PM IST

1971 में पाकिस्तान से आजाद हुआ बांग्लादेश आज भी भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर लगे बॉर्डर पिलर में ईस्ट पाकिस्तान के तौर पर जाना जाता है लेकिन अब यह नाम जल्द ही इतिहास बन जाएगा.

केंद्र सरकार के अथक प्रयासों के बाद भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर पिलर जिसमें ईस्ट पाकिस्तान लिखा है उसकी जगह पर बांग्लादेश लिखा जाएगा. आपको बता दें कि 1947 में देश का बंटवारा होने के बाद मौजूदा पाकिस्तान को पाकिस्तान और बांग्लादेश को ईस्ट पाकिस्तान के तौर पर जाना जाता था.

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1947 में लगाए गए थे ये पिलर

बॉर्डर पिलर ईस्ट पाकिस्तान यानी बांग्लादेश में उस समय 1947 में बॉर्डर के निर्धारण के लिए लगाए गए थे वो अब भी लगे हुए थे. पाकिस्तान से अलग होने के बाद बांग्लादेश ने ये पिलर नहीं हटाए थे. पर अब भारत ने बांग्लादेश को इस बात के लिए राजी कर लिया है कि वह ईस्ट पाकिस्तान लिखे बॉर्डर पिलर की जगह बांग्लादेश लिखे बॉर्डर पिलर लगाएगा.

गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पहले फेज में बांग्लादेश बीएसएफ की मदद से असम और पश्चिम बंगाल राज्य के 44 बॉर्डर पिलर पर लिखे ईस्ट पाकिस्तान के नाम को हटाकर उसकी जगह बांग्लादेश लिखे पत्थर के पिलर लगाएगी.

2016 में सरकार ने शुरू की कोशिश

दरअसल, भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगे बॉर्डर पिलर जिसमें ईस्ट पाकिस्तान लिखा हुआ था उसको बदलने के लिए 2016 में मोदी सरकार ने अपने प्रयास तेज किए थे. गृह मंत्रालय ने इसके लिए बाकायदा विदेश मंत्रालय से संपर्क कर तमाम औपचारिकताओं को पूरा किया. उसके बाद अब जाकर बॉर्डर पिलर हटाने को लेकर बांग्लादेश कदम उठा रहा है. आने वाले एक-दो सप्ताह में इनको हटाने का काम बांग्लादेश और भारत की बॉर्डर गार्ड फोर्स की तरफ से शुरू कर दिया जाएगा.

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आपको बता दें कि भारत-बांग्लादेश बॉर्डर और भारत-पाकिस्तान बॉर्डर की सुरक्षा करने वाली बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) यहां पर लगे बॉर्डर पिलर को मेंटेन करती है. बीएसएफ बांग्लादेश के साथ मिलकर इन बॉर्डर पिलर को ऑड और इवेन तरीके से अब रखरखाव करेगी.

मेघालय ने नहीं स्वीकारा

हालांकि पाकिस्तान बॉर्डर पर बीएसएफ ऑड इवन तरीके से जिन पिलर को मेंटेन करती है, उसमें ऑड पिलर को पाकिस्तान और इवेन पिलर को भारत की तरफ से मेंटेन किया जाता है.

भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर ईस्ट पाकिस्तान लिखे पिलर को मेंटेन करने के लिए पहले राज्य सरकार इस पर काम करती थी जिसमें राज्य सरकार का रिवेन्यू डिपार्टमेंट इन पिलर का बॉर्डर पर रखरखाव करता था लेकिन अब केंद्र सरकार इस पर कदम उठाते हुए बीएसएफ के जरिए इन बॉर्डर पिलर को मेंटेन करवाएगा.

भारत-बांग्लादेश की सीमा की कुल लंबाई 4,096.7 किलोमीटर है जिसमें पश्चिम बंगाल राज्य की सीमा जो बांग्लादेश के साथ जुड़ती है वो 2216 किलोमीटर है, असम के साथ 263 किलोमीटर, मेघालय के साथ 443 किलोमीटर, त्रिपुरा के साथ 856 और मिजोरम 318 किलोमीटर जुड़ती है.

इनमें से मेघलाय को छोड़कर सभी राज्यों ने भारत बांग्लादेश बॉर्डर पर ईस्ट पाकिस्तान लिखे पिलर को हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय को मान लिया है.

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