तमिलनाडु में आज चुनाव होते हैं तो AIADMK का पत्ता साफ, रजनीकांत का फायदा

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के लिए चुनावी संभावनाएं अच्छी नजर नहीं आ रही हैं.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

राम कृष्ण

  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:17 AM IST

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के लिए चुनावी संभावनाएं अच्छी नजर नहीं आ रही हैं. अगर आज तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होते हैं तो AIADMK को अपनी मौजूदा सीटों में से आधी से हाथ धोना पड़ेगा. ये निष्कर्ष इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स ओपिनियन पोल से सामने आया है.

तमिलनाडु में 2016 में हुआ पिछला विधानसभा चुनाव AIADMK ने अपनी दिग्गज नेता जे जयललिता की अगुआई में लड़ा था. लेकिन 5 दिसंबर 2016 को जयललिता के निधन के बाद से AIADMK को लगातार अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ा है.

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ओपिनियन पोल के मुताबिक आज तमिलनाडु में चुनाव होते हैं तो AIADMK के हाथ 234 सदस्यीय विधानसभा में 68 सीट ही हाथ लगेंगी. 2016 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 135 सीट जीती थीं.

वहीं, ओपनियन पोल के हिसाब से राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) अपने सहयोगियों के साथ सत्ता में वापसी करती दिख रही है. DMK के सहयोगियों में कांग्रेस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) शामिल हैं. ओपिनियन पोल के मुताबिक DMK गठबंधन 130 सीटों के साथ सरकार बना सकता है. DMK गठबंधन को 34% वोट मिल सकते हैं. 2016 में DMK ने अपने दम पर 88 सीटें जीती थीं.

तमिलनाडु में सबसे बड़ा सवाल है कि सुपरस्टार रजनीकांत की पॉलिटिकल एंट्री का राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा? सिल्वरस्क्रीन पर रजनीकांत की छवि सुपरमैन सरीखी रही है. इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स ओपिनियन पोल के मुताबिक 67 वर्षीय रजनीकांत खुद की पार्टी के लिए 33 सीटों पर जीत के साथ राजनीति में अपनी पारी का प्रभावी आगाज करने जा रहे हैं.

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ओपिनियन पोल के अधिकतर प्रतिभागियों का मानना है कि जयललिता के निधन के बाद से राज्य में शासन की गुणवत्ता में काफी गिराव आया है. अधिकतर प्रतिभागियों ने आशंका जताई है कि AIADMK आखिरकार बिखर जाएगी.

ओपिनियन पोल संकेत देता है कि AIADMK को अपने वोटर बेस को साथ जोड़े रखने की मुश्किल चुनौती का सामना है. सर्वे के मुताबिक 2016 में पार्टी का समर्थन करने वाले हर तीन वोटरों में से एक का कहना है कि इस बार वो AIADMK को वोट नहीं देगा. पार्टी से ऐसे विमुख होने वाले वोटरों में 60% का स्पष्ट झुकाव अब रजनीकांत की ओर है.  

हालांकि विपक्षी पार्टी DMK के वोटर बेस में से भी कुछ के छिटक कर रजनीकांत की ओर जाने के आसार हैं. लेकिन AIADMK को होने वाले नुकसान की तुलना में DMK को ज्यादा क्षति नहीं सहनी पड़ेगी.

रजनीकांत ने अभी अपनी पार्टी का नामकरण भी नहीं किया है लेकिन ओपिनियन पोल के आंकड़ें दिखा रहे हैं कि ये सुपरस्टार राज्य के कुल वोटर शेयर में से 16% हिस्सा बटोरने जा रहा है. हालांकि ओपिनियन पोल के अधिकतर प्रतिभागियों का ये भी मानना है कि रजनीकांत की गैर-तमिल पृष्ठभूमि तमिलनाडु की राजनीति में उनके खिलाफ काम कर सकती है.

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अगर आज चुनाव होते हैं तो ओपिनियन पोल में शामिल प्रतिभागियों में आधे से ज्यादा ने DMK नेता एम के स्टालिन को मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद बताया. इस मामले में रजनीकांत का नंबर दूसरा रहा. हालांकि स्टालिन समर्थन के मामले में काफी बड़े गैप के साथ रजनीकांत से आगे हैं. यहां AIADMK नेताओं की संभावनाएं काफी धूमिल हैं. वो सीएम के लिए दावेदारों की दौड़ में रजनीकांत से पिछड़ रहे हैं.

AIADMK में जयललिता की छोड़ी राजनीति विरासत का उत्तराधिकारी कौन होगा, इसको लेकर कोई साफ तस्वीर सामने नहीं आई है. ओपिनियन पोल के मुताबिक ओ पन्नीरसेल्वम को ई के पलानीस्वामी पर कुछ बढ़त हासिल है लेकिन प्रतिभागियों में इसे लेकर कोई मजबूत राय कायम नहीं है. 30% प्रतिभागियों का मानना है कि पन्नीरसेल्वम, पलानीस्वामी या टीटीवी दिनाकरण, दीपा जयकुमार और शशिकला नटराजन में से कोई भी जयललिता की विरासत को आगे बढ़ाने लायक नहीं है.

ओपिनियन पोल के 64 फीसदी प्रतिभागियों ने ई के पलानीस्वामी के कामकाज को ‘खराब’ या ‘बहुत खराब’ माना है. सर्वे में डीएमके दिग्गज एम करुणानिधि को राज्य के सबसे अच्छे मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे ज्यादा 29 फीसदी प्रतिभागियों का समर्थन मिला. इस मामले में MGR को 25% और जयललिता को 21% प्रतिभागियों ने पहली पसंद बताया. सर्वे के लिए राज्य के 77 विधानसभा क्षेत्रों में 4,758 इंटरव्यू किए गए. सर्वे में राज्य की कुल 234 विधानसभा सीटों में 33 फीसदी और सभी 39 लोकसभा सीटों की नुमाइंदगी शामिल है.

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