पब्ल‍िक प्लेस पर मह‍िलाओं की सुरक्षा के ल‍िए लांच 'इग्नोर नो मोर' कैंपेन

8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाना है. इस अवसर पर ऊबर और एक सामाज‍िक संस्था ब्रेकथ्रू ने मिलकर एक इग्नोर नो मोर कैंपेन लांच क‍िया है ज‍िसके तहत यद‍ि क‍िसी मह‍िला के साथ ह‍िंसा होती है तो वहां मौजूद लोग उसे बचाने के ल‍िए प्रेर‍ित हों.

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सोहिनी भट्टाचार्य और पवन वैश सोहिनी भट्टाचार्य और पवन वैश

aajtak.in

  • नई द‍िल्ली,
  • 04 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए ऊबर ने अपना ग्लोबल कैंपेन ‘ड्राईविंग चेंज’ भारत में शुरू करते हुए स्वंयसेवी संस्था ब्रेकथ्रू के साथ साझेदारी की घोषणा की है. ब्रेकथ्रू भारत में महिलाओं व लड़कियों के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए पिछले 20 सालों से काम कर रहा है. इस साझेदारी के अन्तर्गत ब्रेकथ्रू और ऊबर ‘इग्नोर नो मोर’ अभियान शुरू कर रहे हैं. यह कैंपेन सार्वजनिक स्थानों पर लिंग-आधारित हिंसा को रोकने के लिए सामूहिक सहयोग और आस-पास खड़े लोगों के हस्तक्षेप को प्रोत्साहित करता है.

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ब्रेकथ्रू की प्रेसिडेंट एवं सीईओ सोहिनी भट्टाचार्य ने कहा, "ब्रेकथ्रू एक ऐसे वातावरण का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें महिलाओं के खिलाफ हिंसा व भेदभाव को कतई स्वीकार न किया जाए. ‘इग्नोर नो मोर’ अभियान भारतीयों को लिंग आधारित हिंसा के प्रति जागरुकता बढ़ाने, इसका विरोध करने और इसके ख‍िलाफ कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही आसपास खड़े लोगों का सहयोग प्राप्त करने के लिए बनाया गया है."

ब्रेकथ्रू की प्रेसिडेंट ने आगे बताया क‍ि यह अभियान लोगों को यह समझाएगा कि वह किस तरह से सार्वजनिक स्थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने में वो अपनी भूमिका को देख सकते हैं और बदलाव के लिए आगे आकर कदम उठा सकते हैं. हमें खुशी है कि ऊबर भी इस महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर हमारे साथ आया है. हम उम्मीद करते हैं कि इस अभियान के माध्यम से हम महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षित बनाने में सफल होगें.

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बता दें क‍ि सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं व लड़कियों के ख‍िलाफ होने वाले अपराध पिछले सालों मे तेजी से बढ़े हैं. नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के लगभग 3.78 लाख मामले दर्ज हुए.

पवन वैश, हेड ऑफ सेंट्रल ऑपरेशंस इंडिया, ऊबर ने कहा, "यौनिक हिंसा और लैंगिक हिंसा हमारे समाज का हिस्सा नहीं हो सकती. लोगों को सुरक्षित रखने में मदद करना एक बड़ी जिम्मेदारी है जिसे हम नजरंदाज नहीं कर सकते. समाज के सदस्यों के रूप में हम इसके समाधान का हिस्सा बनने के लिए अन्य लोगों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं."

पवन वैश ने आगे बताया क‍ि हम ब्रेकथ्रू जैसी साहसी, विचारशील संस्था के साथ मिलकर लैंगिक हिंसा पर जागरुकता व रोकथाम के लिए सहयोग दे रहे हैं. हम उनसे इस बारे में सलाह लेते रहेंगे कि हम हिंसा को रोकने एवं महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए और क्या कर सकते हैं.

बता दें क‍ि ब्रेकथ्रू एक स्वयंसेवी संस्था है जो महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ होने वाली हिंसा और भेदभाव को समाप्त करने के लिए काम करती है. कला, मीडिया, लोकप्रिय संस्कृति और सामुदायिक भागेदारी से यह लोगों को एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिसमें हर कोई सम्मान, समानता और न्याय के साथ रह सके. हम अपने मल्टीमीडिया अभियानों के माध्यम से महिला अधिकारों से जुडें मुद्दों को मुख्य धारा में ला कर इसे देश भर के समुदाय और व्यक्तियों के लिए प्रासंगिक भी बना रहे हैं. इसके साथ ही हम युवाओं, सरकारी अधिकारियों और सामुदायिक समूहों को प्रशिक्षण भी देते हैं, जिससे एक नई ब्रेकथ्रू जेनरेशन सामने आए जो अपने आस-पास की दुनिया में बदलाव ला सके.

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वहीं, ऊबर का मिशन, मूवमेंट द्वारा अवसरों का निर्माण करना है. 2010 में एक छोटी की समस्या के समाधान के साथ शुरुआत की थी कि एक बटन टच करने पर राईड किस प्रकार प्रदान की जा सकती है. आज 15 बिलियन ट्रिप्स पूरी कर लेने के बाद ऐसे उत्पादों का निर्माण कर रहे हैं, जो लोगों को अपने गंतव्य के नज़दीक ले जाते हैं. शहरों में लोगों, फूड एवं वस्तुओं के आवागमन के तरीके में बदलाव लाकर ऊबर प्लेटफॉर्म नई संभावनाओं के द्वार खोल रहा है.

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