बाल श्रम के खिलाफ मुहिम को लेकर इंडिया गेट पर बनी मानव श्रृंखला

दिल्ली पुलिस के साथ बीएसएफ का गठजोड़ बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिए ही हुआ है. बाल श्रम को रोकने के दिन पर क्राई ने एक मुहिम के बतौर काम किया और दिल्ली पुलिस और बीएसएफ के साथ मिलकर शपथ ली कि बाल श्रम के खिलाफ लड़ेंगे.

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बीएसएफ और दिल्ली पुलिस ने भी लिया हिस्सा  बीएसएफ और दिल्ली पुलिस ने भी लिया हिस्सा

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2017,
  • अपडेटेड 7:55 AM IST

इंटरनेशनल वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर के मौके पर दिल्ली पुलिस ने चाइल्ड राइट एंड यू (क्राई) और BSF के साथ मिलकर एक मानव श्रंखला बनाई और बाल श्रम के खिलाफ खड़े होने की शपथ ली ताकि बच्चों को उनका अधिकार मिल सके, उनका बचपन वापस आ सके. भारत में बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराध को देखते हुए उन्हें संरक्षण देने की विशेष जरुरत है.

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पुलिस के प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने कहा कि बच्चों से जुड़े अपराध पर हर कानूनी सुरक्षा देने के लिए ट्राई के साथ मिलकर वह हर वक्त खड़े होंगे और बच्चों के प्रति अपराध को रोकना और उन्हें सुरक्षा देना दिल्ली पुलिस की अहम जिम्मेदारियों में है. दिल्ली पुलिस के साथ बीएसएफ का गठजोड़ बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिए ही हुआ है. बाल श्रम को रोकने के दिन पर क्राई ने एक मुहिम के बतौर काम किया और दिल्ली पुलिस और बीएसएफ के साथ मिलकर शपथ ली कि बाल श्रम के खिलाफ लड़ेंगे. क्राई ने मानव श्रंखला बनाकर आम जनता में भी बाल श्रम के खिलाफ एक मुहिम का हिस्सा बनाने की पहल की है.

बाल श्रमिकों के मामले में उत्तर प्रदेश की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. यहां 5 से 14 वर्ष के बाल श्रमिकों की संख्या 9 लाख के करीब है जबकि महाराष्ट्र में 5 लाख और बिहार में 4.5 लाख बाल श्रमिक काम करते हैं. भारत में 3 करोड़ बच्चे ऐसे हैं जो कि किसी ना किसी रूप में बाल श्रम से जुड़े हुए हैं. छोटे होटलों में काम करने से लिए दुकानों, रेहड़ी-पटरी जैसे व्यवसायों से बड़ी संख्या में बच्चे जुड़े हुए हैं. इन श्रमिकों में कुछ मजबूरी के चलते ऐसा करते हैं तो कुछ बच्चों के जबरन ऐसे कामों में लगाया जाता है.

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