गृह मंत्रालय ने दी जानकारी, जम्मू- कश्मीर में इस वर्ष हुईं 40 आतंकी घटनाएं

गृह मंत्रालय ने लिखित जवाब में लोकसभा में कहा कि सुरक्षा बलों और आतंकवादियों से मुठभेड़ की 392 घटनाएं हुईं, जिसमें जम्मू कश्मीर और नक्सलियों से मुठभेड़ भी शामिल हैं. वहीं इस साल 57 घटनाएं हुई हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 3:37 PM IST

गृह मंत्रालय ने लोकसभा में लिखित जवाब के जरिए जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2018 में जम्मू- कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ की 40 घटनाएं हुई हैं. जबकि पिछले साल 342 आतंकी मुठभेड़ हुईं थीं जो वर्ष 2016 की अपेक्षा काफी ज्यादा थीं. वहीं इस साल अब तक 40 आतंकी मुठभेड़ की घटनाएं हो चुकी हैं.

गृह मंत्रालय ने लिखित जवाब में लोकसभा में कहा कि सुरक्षा बलों और आतंकवादियों से मुठभेड़ की 392 घटनाएं हुईं, जिसमें जम्मू कश्मीर और नक्सलियों से मुठभेड़ भी शामिल हैं. वहीं इस साल 57 घटनाएं हुई हैं. जहां तक जम्मू कश्मीर की बात करें तो वर्ष 2016 में 322 आतंकवादी घटनाएं हुईं, वर्ष 2017 में 342 घटनाएं हुईं वहीं इस साल अब तक 40 घटनाएं हुई हैं.

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जम्मू में सीआरपीएफ कैंप पर 2016 से अब तक कोई हमला नहीं हुआ है, आर्मी कैंप पर जो हमले हुए हैं नागरोटा और सुंजवान में हुए हैं जिसमें 28 लोगों की मौत हुई. स्पेसेफिक हमलों का कोई इनपुट नहीं था, पीरिओडिक इनपुट था जिसका संज्ञान लिया गया, लेकिन खुफिया जानकारी ये मिली है कि ओवर ग्राउंड वर्कर आतंकवादियों को काफी मदद करते हैं.

आपको बता दें कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लगातार सीमा के उस पार से पाक अधिकृत कश्मीर में लॉन्चिंग पैड से आतंकवादियों को भेजने की फिराक में रहता है. इन आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर भेजकर वहां हिंसा की घटनाएं कराने में जुटा रहता है. खुफिया रिपोर्ट से इस बात की भी जानकारी मिली है कि लॉन्चिंग पैड पर इस समय लगभग 400 के आसपास आतंकी मौजूद हैं, जो इस साल कम बर्फबारी की वजह से घुसपैठ की लगातार कोशिश कर रहे हैं.

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सूत्रों के मुताबिक जम्मू- कश्मीर में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ओवर ग्राउंड वर्कर को भी शह देकर आतंकियों की मदद कराने की कोशिश में जुटा हुआ है. हालांकि सुरक्षाबल जम्मू कश्मीर घाटी में लगातार ऑपरेशन ऑल आउट चला रहे हैं, जिसके तहत आतंकवादियों को ढेर किया जा रहा है.

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