भारी बारिश से उत्तर भारत में हालत और बिगड़ी, राज्यसभा में आज होगी बाढ़ पर चर्चा

उत्तर भारत में तेज मानसून की वजह से भारी बारिश से कई राज्यों में मुश्किलें बढ़ गई हैं. बाढ़ के हालात पर मंगलवार को मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा में चर्चा की जाएगी.

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उत्तराखंड की ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर उत्तराखंड की ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर

केशव कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST

उत्तर भारत में तेज मानसून की वजह से भारी बारिश से कई राज्यों में मुश्किलें बढ़ गई हैं. बाढ़ के हालात पर मंगलवार को मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा में चर्चा की जाएगी.

उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में फिर से भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. बिहार और सिक्किम सहित पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में भी अगले चार दिनों तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.

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उत्तराखंड की ज्यादातर नदियां खतरे से ऊपर
उत्तराखंड में सोमवार को भारी बारिश जारी रहने की वजह से ज्यादातर नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. अधिकारियों ने बताया कि सरयू, शारदा, गोरी और भागीरथी नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं. वहीं अलकनंदा और मंदाकिनी उफान पर हैं. ये नदियां भी खतरे के निशान को पार कर सकती हैं.

उत्तराखंड में बारिश ने ली 7 लोगों की जान
सूबे में बारिश की वजह से हुए हादसे में सात लोगों की मौत हो चुकी है. रविवार को हरिद्वार में तीन और लोग तेज धारा में बह गए. राज्य आपदा प्रबंधन इकाई के मुताबिक लगातार बारिश की वजह से चार धाम यात्रा मार्ग के कई स्थानों पर 900 से अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं. कुमाऊं के पहाड़ी इलाकों में दर्जनभर से अधिक घर ढह गए हैं.

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उत्तराखंड में फंसे हुए हैं चार लाख लोग
कई स्थानों पर सड़कें टूटी हुई हैं. भूस्खलन से गाड़ियों के आवागमन में दिक्कतें आ रही हैं. उत्तरकाशी में यमुना घाटी से देहरादून का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. इस वजह से चार लाख से अधिक लोग फंसे हुए हैं. हरिद्वार-देहरादून रोड पर मलबे की वजह से रेलवे परिचालन पर भी असर पड़ा है.

दिल्ली में खाली करवाए गए कई इलाके
दिल्ली में लगातार बारिश के बाद यमुना नदी ने खतरे का निशान पार कर लिया है. सरकार की ओर से एहतियातन आसपास के इलाके खाली करा लिए गए हैं. दिल्ली सरकार के कुछ मंत्री मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ का जायजा लेने पहुंचेंगे.

तरबतर हुई राजधानी दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली में जमकर बारिश हुई. इस वजह से तापमान गिरकर 32.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सफदरजंग इलाके में 21 मिमी बारिश दर्ज की गई. शहर का न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

दिल्ली के कई इलाकों में जलजमाव
दिल्ली में बारिश की वजह से कई जगहों पर जलजमाव की समस्या सामने आई. इससे यातायात बाधित हुआ. यातायात पुलिस के मुताबिक, दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में जलभराव की वजह से यातायात बाधित हुआ. कई जगह सड़कों पर वाहनों की धीमी गति से आगे बढ़ती लंबी कतारें देखी जा सकती थी.

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भारी बारिश से यातायात पर असर
जलभराव से मोतीबाग, चिराग दिल्ली, धौला कुआं, लोधी रोड से लेकर डिफेंस कॉलोनी फ्लाईओवर, मायापुरी, मायापुरी से नारायणा, राजा गार्डन चौक, मोती नगर-कर्मपुरा क्रॉसिंग और बहादुरगढ़ में यातायात बाधित हुआ.

पूर्वी राजस्थान में बाढ़ जैसे हालात
पूर्वी राजस्थान में पिछले तीन दिनों से ज्यादा वक्त से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. कई इलाकों से सड़क संपर्क टूट गया है. भरतपुर, धोलपुर, करौली जिलों के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. वहां सैकड़ों लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.

राजस्थान में कहीं बाढ़ तो कहीं कम बारिश
राजस्थान में एक जून से 18 जुलाई के बीच 222.9 मिमी बारिश हुई है. इस दौरान 149.85 मिमी की बारिश सामान्य मानी जाती है. बावजूद इसके जैसलमेर, जोधपुर, और सिरोही में बारिश का अभाव है, जबकि बारमेड़, जालौर और श्रीगंगानगर में अब तक कम बारिश हुई है.

सुपौल के 50 गांवों में भरा बाढ़ का पानी
बिहार राज्य में कोसी नदी में उफान आने से बिहार में सुपौल जिले के करीब 50 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया. इससे लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. अधिकारियों के मुताबिक राज्य के आधा दर्जन जिलों के सैकड़ों गांवों पर कोसी नदी की बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

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इंजीनियरों को सतर्क रहने कहा गया
अधिकारियों ने कहा कि बिहार और नेपाल में भारी बारिश होने से कोसी और अन्य नदियों के जलस्तर बढ़ने के साथ सुपौल जिले के गांवों में फिर बाढ़ का डर सताने लगा है. राज्य सरकार ने इंजीनियरों को सतर्क कर दिया है. उन्हें 24 घंटे निगरानी करने के लिए कहा है.

कोसी का पूर्वी बांध पूरी तरह सुरक्षित
बिहार के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने कहा कि सभी बांध सुरक्षित हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि कोसी का वह पूर्वी बांध बिल्कुल सुरक्षित है, जिसके टूटने से साल 2008 में उत्तर बिहार के पांच जिलों में बाढ़ आई थी.

बांध के दरारों की हुई मरम्मत
सिंह ने कहा कि बांध को मजबूत किया गया है और दरारों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है. नेपाल में कोसी नदी पर बने बांध के टूटने और नदी की धारा बदलने से बिहार में साल 2008 में 30 लाख लोग बेघर हो गए थे.

बिहार में गिरा पारा
मौसम विभाग ने राज्य के अधिकांश हिस्सों में अगले 24 घंटे के दौरान बारिश होने के आसार जताए हैं. पटना मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.

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एमपी के 6 जिलों के लोगों ने झेला बाढ़
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में फिर घने बादल छाए हैं. कई जगहों पर बूंदाबांदी हो रही है. मौसम विभाग कई जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है. राज्य के 6 जिले इस साल बाढ़ का सामना कर चुके हैं.

कई जिलों में बाढ़ का डर
बीते 24 घंटों के दौरान सागर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभाग के अलावा भोपाल, इंदौर आदि जिलों में बारिश हुई है. वहीं, कुछ स्थानों पर सामान्य तो भिंड, मुरैना, छतरपुर, श्योपुरकलां, सतना और पन्ना जिलों में भारी बारिश का अनुमान जताया है.

भारी बारिश से यूपी में 15 की मौत
उत्तर प्रदेश में बारिश से जुड़ी दुर्घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो चुकी है. गाड़ियों की आवाजाही धीमी होने की वजह से कई इलाकों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुए हैं.

ट्रेन परिचालन पर बुरा असर
एक अधिकारी ने बताया कि आगरा-मुंबई मार्ग पर एक रेल ट्रैक में दरार आ गई. उसकी मरम्मत चल रही है, जिसकी वजह से एक दर्जन से अधिक ट्रेनें अपने निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं. बाढ़ का पानी आजमगढ़ जिले के कई जगहों में घुस गया है.

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