UAPA बिल के कानून बनने पर सबसे पहले हाफिज सईद-मसूद अजहर होंगे आतंकी घोषित

भारत के दो मोस्ट वांटेड हाफिज सईद और मसूद अजहर ऐसे पहले दो शख्स होंगे जो देश के आतंक विरोधी कानून में प्रस्तावित संशोधनों के तहत आतंकवादी घोषित किए जाएंगे.

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Terrorist Hafiz Saeed and Masood Azhar (Photo- India Today) Terrorist Hafiz Saeed and Masood Azhar (Photo- India Today)

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST

भारत के दो मोस्ट वांटेड हाफिज सईद और मसूद अजहर ऐसे पहले दो शख्स होंगे जो देश के आतंक विरोधी कानून में प्रस्तावित संशोधनों के तहत आतंकवादी घोषित किए जाएंगे. गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन (UAPA) बिल, 2019 लोकसभा में पास हो चुका है और अब इसे राज्यसभा से मंजूरी मिलने का इंतजार है.

UAPA बिल जब कानून बन जाएगा तो जिस व्यक्ति को आतंकी घोषित किया जाएगा, उसकी संपत्ति जब्त करने और यात्राएं करने पर रोक जैसी कार्रवाई की जा सकेगी.

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हाफिज सईद और मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने के बावजूद पाकिस्तान में संरक्षण मिला हुआ है. पाकिस्तान सरकार इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करती भी है तो वो महज दिखावा ही होता है. हाफिज सईद जहां 2008 मुंबई टेरर अटैक का मास्टरमाइंड है, वहीं मसूद अजहर हाल में हुए पुलवामा हमले और 2001 पार्लियामेंट अटैक में वांछित है.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, सईद और अजहर ही पहले दो शख्स आतंकी घोषित होंगे, जब राज्यसभा में ये बिल पास होने के बाद कानून बन जाने की स्थिति में आ जाएगा. किसी शख्स को तब ही आतंकी घोषित किया जाएगा जब केंद्रीय गृह मंत्रालय उसे मंजूरी देगा. 

जो शख्स आतंकी घोषित किया जाएगा वो केंद्रीय गृह सचिव के सामने अपील कर सकेगा. गृह सचिव को अपील का निस्तारण 45 दिन में करना होगा. इसके अलावा एक समीक्षा समिति होगी जिसके वर्तमान या सेवानिवृत्त जज प्रमुख होंगे. इसमें कम से कम भारत सरकार के दो सेवानिवृत्त सचिव सदस्य होंगे. इस समिति का दरवाजा भी संबंधित शख्स खटखटा सकता है.

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संशोधन बिल के कानून बनने के बाद सरकार संपत्ति जब्त करने जैसे कदम उठा सकेगी. हालांकि, कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा तब सामने आएगा जब संसद से बिल पास होने के बाद एक्ट के नियम तय किए जाएंगे.

एक और अधिकारी के मुताबिक, आतंकी घोषित किए जाने वाले व्यक्तियों का डेटा विदेशी सरकारों से भी साझा किया जाएगा. इस अधिकारी ने बताया कि बीते 15 साल में कुल 42 संगठन गैर कानूनी घोषित किए गए. इनमें 'दीनदार अंजुमन' इकलौता ऐसा संगठन रहा जिसने फैसले के खिलाफ सरकार से अपील की. हालांकि, सरकार ने अपना फैसला बरकरार रखा और इस संगठन ने भी फिर किसी अदालत में चुनौती नहीं दी.

लोकसभा ने बुधवार को आतंक विरोधी कानून में संशोधन वाले बिल को मंजूरी दी. अमित शाह ने कहा कि ये बहुत अहम है और आतंकवाद के खिलाफ बहुत कारगर रहेगा. 

शाह ने कानून को सख्त बनाने वाले संशोधन का बचाव किया. साथ ही विपक्ष की इन आशंकाओं को बेबुनियाद बताया कि इसका दुरुपयोग होगा. उन्होंने कहा कि नए कानून से जांच एजेंसियों को आतंकवादियों से चार कदम आगे रहने में मदद मिलेगी.

लोकसभा में बिल के ध्वनिमत से पास होने से पहले बहस का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि इसका किसी शख्स के खिलाफ दुरुपयोग नहीं होगा. हालांकि जो आतंकी गतिविधियों में शामिल रहेंगे, देश की सुरक्षा और सम्प्रभुता को चुनौती देंगे चाहे वो 'अर्बन नक्सली' ही क्यों ना हो जांच एजेंसियों की कार्रवाई से बच नहीं पाएंगे.

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