हदिया ने SC में कहा- अपनी मर्जी से मुस्लिम बनीं, पति के साथ रहना चाहती हूं

सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामे में 25 साल की हदिया ने कहा कि उसने शफीन जहां से अपनी इच्छा से शादी की. उसने अदालत से 'शफीन जहां की पत्नी के तौर पर रहने' की इजाजत मांगी.

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पति के साथ हदिया पति के साथ हदिया

जावेद अख़्तर

  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST

लव जिहाद की कथित पीड़ित केरल की हदिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने इस्लाम धर्म स्वेच्छा से अपनाया है और वह मुस्लिम ही बने रहना चाहती है.

सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामे में 25 साल की हदिया ने कहा कि उसने शफीन जहां से अपनी इच्छा से शादी की. उसने अदालत से 'शफीन जहां की पत्नी के तौर पर रहने' की इजाजत मांगी.

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पति का आतंकी कनेक्शन नहीं

हदिया ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उसके पति को आतंकी बताया है लेकिन यह गलत है. उसके पति का आतंकी समूह आईएसआईएस से कोई लेना देना नहीं है.

यह मामला तब सामने आया जब केरल हाई कोर्ट ने हदिया के साथ शफीन जहां के विवाह को रद्द करते हुए हदिया को उनके माता-पिता की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया. इस आदेश को जहां ने चुनौती दी.

बता दें कि पिछले साल 27 नवंबर को शीर्ष अदालत ने हदिया को उसके माता-पिता की कस्टडी से रिहा किया और पढ़ाई पूरी करने के लिए उसे कॉलेज भेजा. हालांकि हदिया ने अपने पति के साथ जाने की इजाजत की मांग की थी.

हदिया ने 25 पन्नों के हलफनामे में कहा , 'मैं ससम्मान यह कहना चाहती हूं कि मैं मुस्लिम हूं और मुस्लिम के तौर पर ही रहना चाहती हूं.' उसने कहा, 'शफीन जहां मेरे पति हैं और मैं उनकी पत्नी बनकर रहना चाहती हूं। मैंने इस्लाम को अपनाया है अपनी इच्छा से उनसे शादी की है.'

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उसने केरल हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करने की भी मांग की. इसके अलावा शीर्ष अदालत से अपने पति को अपना गार्जियन बनाने का अनुरोध किया.

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