नेता आए और चले गए ऊना में दलितों के हालात जस के तस

ऊना में दलितों पर गाय कि हत्या का आरोप लगाते हुए गौरक्षकों की यातना का वीडियो वायरल होने के बाद अब रातों रात ऊना का समढियाला गांव लोगों की जुबान पर आ गया है. कई दिग्गज नेताओं ने दलित परिवारों से मुलाकात कर आश्वासन तो दिया लेकिन यहां के हालात पर किसी की नजर नहीं पड़ी. 

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दलित परिवारों की पिटाई के बाद सुर्खियों में आया ऊना का नाम दलित परिवारों की पिटाई के बाद सुर्खियों में आया ऊना का नाम

गोपी घांघर

  • अहमदाबाद,
  • 26 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 7:53 AM IST

ऊना में दलितों पर गाय की हत्या का आरोप लगाते हुए गौरक्षकों की यातना का वीडियो वायरल होने के बाद अब रातों रात ऊना का समढियाला गांव लोगों की जुबान पर आ गया है. गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव, सीपीएम नेता वृंदा करात और सीताराम येचुरी जैसे दिग्गज नेताओं ने जहां दलित परिवारों से मुलाकात कर आश्वासन दिया था. लेकिन यहां के हालात पर किसी की नजर नहीं पड़ी. 

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वहीं किसी का भी ध्यान गांव के दलितों की रोजमर्रा की जिंदगी पर नहीं गया. समढियाला गांव में 27 दलित परिवार रहते हैं. इनमें से किसी भी घर में गैस कनेक्शन नहीं है, 27 घर में से महज 2 घर ही ऐसे हैं जहां बिजली का कनेक्शन है. हालांकि जिस दलित परिवार को पीटा गया उसके घर में भी बिजली नहीं है.

गांव की कुल आबादी 1611 है, जिसमें दलित आबादी 164 है. बीपीएल परिवार की तादाद 13 है जो कि सभी दलित हैं. गुजरात कि आनंदीबेन सरकार ने हर घर में शौचालय बनाने कि बातें तो कि लेकिन गांव के 27 दलित परिवारों के इलाके में बुनियादी सुविधाओं की कमी देखने को मिलती है. इस इलाके में अब तक महिलाएं लकड़ी के चूल्हे पर खाना पकाती हैं. न तो यहां अस्पताल है और न ही मोदी सरकार की कोई सरकारी योजना यहां तक पहुंची है.

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