विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान उच्चायोग में पाकिस्तान नेशनल डे समारोह में कोई आधिकारिक प्रतिनिधि नहीं भेजने का फैसला किया है. भारतीय उच्चायुक्त ने यहां शुक्रवार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी की भारत के तरफ से कोई भी प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में नहीं जाएगा.
भारत ने यह फैसला जम्मू एवं कश्मीर के हुर्रियत नेताओं को समारोह के लिए आमंत्रण भेजे जाने के खिलाफ विरोध जताने के तहत किया है.
गौरतलब है कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरफीएफ के जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. जिसके बाद से भारत व पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव और ज्यादा बढ़ गया था. बता दें कि भारत ने हमेशा से पाकिस्तान से आतंक के मुद्दे पर नाराजगी जताई है ऐर भारत ये कहता आया है कि आतंकी घटना और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती है.
पाकिस्तान नेशनल डे हर साल 23 मार्च को मनाया जाता है लेकिन पाकिस्तान उच्चायोग ने इस साल इसे एक दिन पहले मनाने का फैसला किया है.
23 मार्च को मनाया जाता है पाकिस्तान नेशनल डे
इस दिन को पाकिस्तान में पाकिस्तानी इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिवस माना जाता है, क्योंकि इसी दिन सन 1940 को 22 से 24 मार्च तक चले अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के लाहौर सत्र में, लाहौर प्रस्ताव जिसे पाकिस्तान में करारदाद-ए पाकिस्तान भी कहा जाता है, की पेशकश की गई थी जिसके आधार पर ही मुस्लिम लीग ने भारत के मुसलमानों के लिए अलग देश के अधिग्रहन के लिए आंदोलन शुरू किया साथ ही 23 मार्च 1956 के पाकिस्तान के पहले संविधान अपनाया गया था. इस दिन 23 मार्च को पूरे पाकिस्तान में आम छुट्टी रहती है.
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