केरल की तीन कंपनियों के पास है कई अमीर देशों से ज्यादा सोना

सितंबर 2016 तक के आंकड़ों के अनुसार मुथूट फाइनेंस, मणप्पुरम फाइनेंस और मुथूट फिनकॉर्प के पास मौजूद सोना बेल्ज‍ियम, सिंगापुर, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड रिजर्व से भी ज्यादा है.

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भारत में गोल्ड की हमेशा रहती है डिमांड भारत में गोल्ड की हमेशा रहती है डिमांड

दिनेश अग्रहरि

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:19 AM IST

केरल की तीन गोल्ड लोन कंपनियों के पास 263 टन सोना है, जो कई अमीर देशों के स्वर्ण भंडार से भी ज्यादा है. सितंबर 2016 तक के आंकड़ों के अनुसार मुथूट फाइनेंस, मणप्पुरम फाइनेंस और मुथूट फिनकॉर्प के पास मौजूद यह सोना बेल्ज‍ियम, सिंगापुर, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड रिजर्व से भी ज्यादा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, मुथूट फाइनेंस के पास 150 टन सोना है. यह दुनिया के अमीर देशों सिंगापुर (127.4 टन), स्वीडन (125.7), ऑस्ट्रेलिया (79.9 टन), कुवैत (79 टन), डेनमार्क (66.5 टन) और फिनलैंड (49.1 टन) के पास रिजर्व के रूप में रखे सोने से भी ज्यादा है. इसी तरह मणप्पुरम फाइनेंस और मुथूट फिनकॉर्प के पास क्रमशः 65.9 और 46.88 टन सोना है.

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वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, गोल्ड रिजर्व रखने के मामले में भारत दुनिया में ग्यारहवें स्थान पर आता है. भारत के पास 558 टन का स्वर्ण भंडार है. अमेरिका इस मामले में 8,134 टन गोल्ड रिजर्व के साथ सबसे आगे है. वहीं जर्मनी और आईएमएफ (अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के पास क्रमशः 3,378 और 2,814 टन सोना है. गोल्ड फील्ड्स मिनरल सर्विसेज (GFMS) के गोल्ड सर्वे के मुताबिक, भारत सोने का उपभोग करनेवाले देशों में सबसे ऊपर है. साल 2016 की तीसरी तिमाही तक यहां 107.6 टन सोने की खपत हुई. इस मामले में चीन दूसरे नंबर पर है, जहां 98.1 टन सोने की खपत हुई. दुनिया में सोने की कुल मांग का 30 प्रतिशत हिस्सा भारत का है. केरल में दो लाख लोग गोल्ड इंडस्ट्री में काम करते हैं. भारत में बड़ी संख्या में लोग सोना गिरवी रखकर लोन लेते हैं.

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