BJP में शामिल हुए गोवा कांग्रेस के 10 विधायक, शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे

जिस वक्त कांग्रेस कर्नाटक में अपने बागी विधायकों को संभालने में लगी थी, उसी वक्त गोवा में कांग्रेस खेमे में हड़कंप मचा हुआ था. 15 विधायकों में से 10 विधायकों ने पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया.

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गोवा कांग्रेस के विधायक (ANI) गोवा कांग्रेस के विधायक (ANI)

aajtak.in / अनुज मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 7:57 AM IST

कर्नाटक के बाद गोवा में भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के 15 में से 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं. खास बात ये है कि पाला बदलने वालों में नेता विपक्ष चंद्रकांत कावलेकर भी हैं. ये विधायक बुधवार देर रात दिल्ली पहुंचे गए. सभी विधायक आज यानी गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे.

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बता दें, जिस वक्त कांग्रेस कर्नाटक में अपने बागी विधायकों को संभालने में लगी थी उसी वक्त गोवा में कांग्रेस खेमे में हड़कंप मचा हुआ था. 15 विधायकों में से 10 विधायकों ने पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया. बुधवार देर शाम विधानसभा पहुंच कर इन विधायकों ने स्पीकर को चिट्ठी सौंपकर इसकी जानकारी दी.

दरअसल कर्नाटक में संकट में घिरी कांग्रेस को गोवा में भी तगड़ा झटका तब लगा जब बुधवार को कांग्रेस के 10 विधायक अचानक बीजेपी में शामिल हो गए. चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में 10 विधायक जो पहले विपक्ष के नेता थे, बीजेपी में शामिल हो गए हैं.

गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कांग्रेस के सभी 10 बागी विधायकों से मुलाकात कर उन्हें बीजेपी में शामिल कराया.  इसके बाद सीएम सावंत खुद सभी बागी विधायकों को लेकर दिल्ली पहुंचे. दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद 'आजतक' से खास बातचीत में कहा कि इन सभी विधायकों ने बिना किसी शर्त के बीजेपी में आने का फैसला किया है. उनका कहना था कि यह विधायक अपने इलाकों के विकास को ध्यान में रखते हुए बीजेपी के साथ आए हैं. हालांकि जब उनसे ये पूछा गया कि अब क्या मंत्रिमंडल में फेरबदल देखने को मिलेगा, इसके जबाब में उनका कहना था कि ये बीजेपी के सीनियर नेता तय करेंगे.

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उधर, कावलेकर ने भी बीजेपी में शामिल होने की पुष्टि करते हुए 'आजतक' से खास बातचीत में कहा, हमने ऐसा सिर्फ इसलिए किया कि यहां सीएम अच्छा काम कर रहे हैं. मैं विपक्ष का नेता था, इसके बावजूद हमारे निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो सका और विपक्ष में रह कर इलाके में विकास कार्य करना मुश्किल भी था. अकेली सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद हम सरकार नहीं बना सके.'

कावलेकर ने आगे कहा, 'अगर कोई विकास नहीं हुआ तो अगली बार लोग हमें कैसे चुनेंगे? वे (कांग्रेस) अपने किए गए वादों को पूरा नहीं कर सके. सरकार बनाने के कई अवसर थे लेकिन कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीच एकता की कमी के कारण ऐसा नहीं किया जा सका. इसलिए हमने ऐसा किया.' फिलहाल दिल्ली पहुंचने के बाद उनका भी यही कहना है कि उनकी बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात होगी, उसके बाद आगे की रणनीति तय होगी.

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