घाटी में नफरत फैलाने के लिए मसूद अज़हर ने अपने आतंकियों को भेजा. भारतीय सेना ने सबके सब को ढेर कर दिया. मसूद अज़हर ने फिर ये ज़िम्मेदारी एक एक करके अपने दर्जनों कमांडरों को दी. वो ऑपरेशन ऑलआउट के तहत मारे गए. बौखलाए मसूद अज़हर ने फिर अपने भांजे को घाटी में कमांडर बनाकर भेजा. उसे भी सुरक्षा बलों ने जहन्नम भेज दिया. पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तो मसूद ने अपने भतीजे को भेजा. उसका भी वही हश्र हुआ. कुल मिलाकर भारतीय सेना ने पिछले दो सालों में देश के दुश्मनों पर ऐसा कहर ढहाया कि आतंक का पूरा कुनबा ही सिकुड़ कर रह गया.
ऑपरेशन आल आउट के तहत ढाई सौ से ज़्यादा आतंकियों को जहन्नम भेजकर आतंकी मंसूबों की कमर तोड़ दी गई. आलम अब ये है कि बाकी बचे आतंकी इतने खौफ में हैं कि वॉलेंट्री रिटायर्मेंट ले रहे हैं ताकि उन्हें सरहद पार ना जाना पड़े जहां भारतीय सेना की बंदूक से निकलने वाली गोलियां उनका इंतज़ार कर रही हैं. मैन पॉवर की कमी जूझ रहे जैश के तक़रीबन सभी बड़े आतंकियों को सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में ढेर कर दिया है. लिहाज़ा मसूद अज़हर ने घाटी में जैश को दोबारा खड़ा करने और अपने भांजे-भतीजे और दूसरे आतंकियों की मौत का बदला लेने के लिए अपने सबसे भरोसेमंदर कमांडर को मांद से बाहर निकाला है.
सेना ने शुरू किया ऑपरेशन गाजी
जैश के सैकड़ों आतंकियों और परिवार के लोगों की मौत का बदला लेने के लिए जैश सरगना मसूद अज़हर बुरी तरह से बौखलाया हुआ है और इसी बौखलाहट में वो एक के एक बाद ग़लती करता जा रहा है. खुफिया जानकारी के मुताबिक अब उसने अपने सबसे खास आतंकी अब्दुल रशीद गाज़ी को कमांडर बनाकर सरहद के इस पार भेजा है. इसका मकसद ना सिर्फ मारे गए आतंकियों का बदला लेना है, बल्कि नए आतंकियों की भर्ती करना और उन्हें ट्रेनिंग देना है. मगर खबर मिलते ही भारतीय सेना अलर्ट हो गई है और जैश कमांडर गाज़ी को मार गिराने के लिए ऑपरेशन गाजी शुरू कर दिया गया है, जिसके तहत सुरक्षा बल के जवानों गाज़ी को दबोचने के लिए जगह जगह छापे मार रहे हैं.
मसूद के भांजे को सेना ने मार गिराया
हालांकि इससे पहले ये ज़िम्मेदारी जैश सरगना मसूद अजहर ने अपने भांजे तल्हा को दी थी, लेकिन उसे सुरक्षा बलों ने मार गिराया. तो फिर ये काम उसने अपने भतीजे उस्मान के हवाले किया, जिसे ख़ास तौर पर कश्मीर में आतंकियों को ट्रेनिंग और सेना को निशाना बनाने के मकसद से भेजा था, लेकिन वे किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे पाता उससे पहले ही सुरक्षा बलों ने उसे भी मार गिराया. लिहाज़ा अब जैश के सरगना मसूद अज़हर ने कश्मीर के लिए बनाया है 'गाज़ी प्लान'.
जानिए कौन है गाजी
सबसे पहले ये जानिए कौन है ये अब्दुल रशीद गाज़ी. जानकारी के मुताबिक गाज़ी मसूद अज़हर का सबसे भरोसेमंद साथी है.. जो हथियारों और विस्फोटकों खास तौर पर आईईडी का एक्सपर्ट है. माना जाता है कि गाज़ी अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों को चलाने में शामिल रहा है. जहां वो जैश के आतंकियों को ट्रेनिंग दिया करता था. खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 9 दिसंबर को गाज़ी अपने दो आतंकी साथियों के साथ कश्मीर में दाखिल होने में कामयाब हो गया है. माना जा रहा है कि वो कश्मीर के पुलवामा तक पहुंच चुका है और उसे पहली जिम्मेदारी अल कायदा की तर्ज पर कश्मीर में नए आतंकियों की भर्ती करने की दी गई है. बताया जा रहा है कि गाज़ी अफगानिस्तान में अमेरिका और नॉटो फोर्स के खिलाफ लड़ता रहा है.
पुलवामा को गाजी ने बनाया था अपना ठिकाना
सरहद पार से कश्मीर में घुसते ही ग़ाज़ी ने पुलवामा को ही अपना ठिकाना बनाया था और इसी पुलवामा में आदिल अहमद डार उसके संपर्क में आया था. सुरक्षा एजेंसियों की माने तो आदिल डार को कार बॉम्ब की पूरी ट्रेनिंग गाज़ी ने ही दी. सूत्रों की मानें तो अब्दुल रशीद गाजी ने ही सेना की नज़र में C ग्रेड के आतंकी आदिल अहमद डार को कार बम धमाके की ट्रेनिंग दी थी और इतने खतरनाक तरीके से तैयार किया की डार A ग्रेड के आतंकियों से 4 कदम आगे बढ़कर उरी से भी बड़े हमले को अंजाम दे गया.
हाल के दिनों में कश्मीर घाटी से जिन भी युवाओं ने आतंक का रास्ता अपनाया. वो छह महीने से ज्यादा वक्त तक सक्रिय नहीं रह पाए.सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में नए आतंकी जल्दी निशाने पर आते हैं. पहले के मुक़ाबले अब इन आतंकियों की ट्रेनिंग न के बराबर होती है. आतंकियों में ट्रेनिंग की कमी के चलते पाकिस्तान में आतंक के आकाओं को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
घाटी में मौजूद है 120 से ज्यादा आतंकी
जानकारों की मानें तो अफ़ग़ानिस्तान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे ट्रेंड आतंकियों की घुसपैठ आने वाले दिनों में बढ़ सकती है और अमेरिका के अफ़ग़ानिस्तान से अपनी पूरी फौज को वापस बुलाने के फैसले से भारत में आतंकी घटनाएं बढ़ सकती हैं. पैसों का लालच देकर पाकिस्तान और वहां कि आतंकी तंज़ीमें इन्हें भारत के खिलाफ फिर से इस्तेमाल कर सकती हैं. जैसा की 90 के दशक में हुआ था.. सूत्रों की मानें तो फ़िलहाल जम्मू कश्मीर में इस वक़्त 120 से ज़्यादा विदेशी आतंकी मौजूद हैं, जो कभी भी भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.
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