George Fernandes Dies: जब आपातकाल के दौर में नरेंद्र मोदी बने जॉर्ज फर्नांडिस के गार्ड

George  Fernandes पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का निधन हो गया है. मजदूरों के मसीहा कहे जाने वाले फर्नांडिस आपातकाल के धुर विरोधी रहे हैं और इस दौरान नरेंद्र मोदी की उनसे मुलाकात हुई थी.

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George  Fernandes (File Photo) George Fernandes (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:45 PM IST

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया. बतौर रक्षा मंत्री उनके कार्यकाल में ही पोकरण में सफल परमाणु परीक्षण किया गया. मजदूरों के मसीहा कहे जाने वाले जॉर्ज फर्नांडिस यूनियन के सबसे बड़े नेता के तौर पर अपनी पहचान रखते थे. साथ ही देश में जब इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल लगाया तो उस वक्त उन्होंने पुरजोर तरीके से विरोध किया. इस दौरान मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनका सामना भी हुआ. जानें, जॉर्ज फर्नांडिस के जीवन से जुड़े अहम किस्से...

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1. कर्नाटक के मंगलौर में पढ़ाई करने वाले जॉर्ज फर्नांडिस को उनका परिवार पादरी बनाना चाहता था. लेकिन उनका इससे मोहभंग हो गया और चर्च छोड़कर वह नौकरी की तलाश में मुंबई चले गए. यहां उन्होंने बहुत ही गरीबी में वक्त गुजारा और चौपाटी पर सोकर रातें बिताईं. यहीं पर वह सोशलिस्ट पार्टी और ट्रेड यूनियन आंदोलन के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने लगे.

2. आपातकाल के दौरान वह उड़ीसा में थे. इस दौरान वह देशभर में रूप बदलकर घूमते रहे. मछुआरे से लेकर साधु के रूप में वह आपातकाल का विरोध करने एक जगह से दूसरी जगह पहुंचते रहे. कई नेता अंडरग्राउंड थे या जेल में थे. कहा जाता है कि इसी दौरान नरेंद्र मोदी का सामना एक ऐसे व्यक्ति से हुआ जो हरे रंग की लुंगी में था और दाढ़ी रखी हुई थी. नरेंद्र मोदी ने इस अंडरग्राउंड नेता की सुरक्षा में गार्ड की जिम्मेदारी निभाई. हरे रंग लुंगी पहने वो शख्स जॉर्ज फर्नांडिस थे.

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3. जॉर्ज फर्नांडिस ने आपातकाल के बाद 1977 का लोकसभा चुनाव जेल में रहकर ही लड़ा. वह बिहार की मुजफ्फरपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़े और उन्होंने रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज की. इसके बाद बनी जनता पार्टी की सरकार में उन्हें उद्योग मंत्री की जिम्मेदारी मिली और बाद में उन्होंने अपनी अलग समता पार्टी बनाई.

4. फर्नांडिस देश के इकलौते रक्षामंत्री रहे, जिन्होंने सियाचिन ग्लेशियर का 18 बार दौरा किया. कहा जाता है कि रक्षामंत्री रहते हुए जॉर्ज के बंगले के दरवाजे कभी बंद नहीं हुआ करते थे. इसके अलावा वह अपने काम के लिए नौकरों का इस्तेमाल नहीं करते थे. जॉर्ज फर्नांडिस के रक्षा मंत्री रहते ही देश को परमाणु शक्ति प्राप्त हुई. मई 1998 में राजस्थान के पोकरण में जब देश में परमाणु परीक्षण किए. साथ ही करगिल युद्ध भी इन्हीं के कार्यकाल में हुआ.

5. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेकर वह काफी सख्त थे. एक बार में उन्हें दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में एक कार्यक्रम में बुलाया गया.  केंद्र में उस वक्त यूपीए की सरकार थी. जब फर्नांडिस वहां पहुंचे तो देखा कि दीवार पर कई नेताओं के साथ सोनिया गांधी की तस्वीर भी लगी है. यह देखकर वह भड़क गए. फर्नांडिस इतना गुस्सा हो गए कि उन्होंने नेहरू परिवार पर देश को लूटने का आरोप लगाते हुए उस तस्वीर को तुरंत हटाने की बात कही. उनका सख्त लहजा देखने के बाद सोनिया गांधी की तस्वीर वहां से हटाई गई.

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