मथुरा-इस्कॉन से बदरीनाथ तक... देखिए 5 प्रसिद्ध मंदिरों में कैसे हो रही जन्माष्टमी पर पूजा, Video

Janmashtami 2023: मथुरा-वृंदावन से लेकर देश के विभिन्न राज्यों में सुबह से मंदिरों में हरे रामा-हरे कृष्णा के जयकारे गूंज रहे हैं. इस बार जन्माष्टमी दो दिन मनाई जा रही है. जिन लोगों ने 6 सितंबर को जन्माष्टमी नहीं मनाई, वे आज यह त्योहार मना रहे है. सुबह से ही देश भर के मंदिरों में जन्माष्टमी मनाने के लिए भक्तों की भीड़ नजर आ रही है. 

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भगवान श्रीकृष्ण (फाइल फोटो) भगवान श्रीकृष्ण (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

Janmashtami 2023: मथुरा-वृंदावन से लेकर देश के विभिन्न राज्यों में सुबह से मंदिरों में हरे रामा-हरे कृष्णा के जयकारे गूंज रहे हैं. श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. श्री हरि के अवतारों में यही संपूर्ण अवतार माने जाते हैं. इस बार जन्माष्टमी दो दिन मनाई जा रही है. जिन लोगों ने 6 सितंबर को जन्माष्टमी नहीं मनाई, वे आज यह त्योहार मना रहे हैं. सुबह से ही देश भर के मंदिरों में जन्माष्टमी मनाने के लिए भक्तों की भीड़ नजर आ रही है. 

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भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथूरा में सुबह-सुबह मंगला आरती की गई. इस दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ नजर आई. आरती के वक्त मंदिर में घंटी और शंख बजाए गए. मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी को पीले वस्त्रों और फूलों की माला से बड़ी सुंदर तरह से सजाया गया है. 

 

पश्चिम बंगाल के इस्कॉन मंदिर में सुबह से ही भक्त भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन और पूजा करने पहुंच रहे हैं. कई लोग जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान के सामने नृत्य कर रहे है तो कोई थाल-मंजीरा और शंख बजा रहा है.

 

उत्तराखंड के बदरीनाथ में भी मंदिर के बाहर भक्तों की भारी भीड़ नजर आ रही है. जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर को पूरी तरह  से सजाया गया है. मंदिर के बाहर एलईडी लाइट से पूरे मंदिर को रोशन किया गया है. दर्शन के लिए लोगों की लंबी लाइन लगी हुई है.

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उधर, दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में भी जन्माष्टमी के अवसर पर प्रात: काल तुलसी आरती की गई. मंदिर के पुजारियों और भक्तों ने मिलकर यह आरती की. तुलसी जी को धूप-दीप चढ़ाया गया और 'हाथी घोड़ा पाल की जय कन्हैया लाल की' का जयघोष भी किया गया.

उत्तर प्रदेश के नोएडा के इस्कॉन मंदिर में भी सुबह मंगला आरती की गई. इस दौरान वहां भजन भी गाया गया और भक्तों के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण का जयघोष और जयकारे लगाए गए.
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