पूर्व सेना प्रमुख ने कश्मीर में संघर्ष विराम को नकारा, बोले- भड़काते हैं आतंकी

बिक्रम सिंह ने कहा- आतंकी लोगों को भड़काते हैं. कश्मीरी शांतिप्रिय हैं ये बात मैं जानता हूं. इनको पाकिस्तान भड़का रहा है. कश्मीर घाटी में इस्लामिक भावनाएं भड़काई जा रही हैं. सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके वहां पर इस्लामीकरण के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है.

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पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह

रणविजय सिंह / मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 10 मई 2018,
  • अपडेटेड 11:02 PM IST

पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने आजतक से ख़ास बातचीत में जम्मू कश्मीर में संघर्ष विराम की बात पूरी तरह नकार दी. उनका कहना है कि सीजफायर दो मुल्कों के बीच में होता है न कि आतंकियों और सेना के बीच में. सीजफायर भारत और पाकिस्तान के बीच 2002 और 2003 में हुआ था. उस वक्त दो प्रधानमंत्रियों के बीच में बातचीत होने के बाद जो डीजीएमओ ने तय किया था, वह सीजफायर था.

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बिक्रम सिंह ने कहा, हम जनता के खिलाफ कोई ऑपरेशन नहीं करते हैं. हम चाहते हैं कि जनता को कम से कम परेशानी हो. रमजान के दौरान उनकी जो परंपराएं हैं उसको पूरा कर सकें. उस दौरान जब हम ऑपरेशन करते हैं उसमें हम कम से कम फोर्स का इस्तेमाल करते हैं.  

पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, आतंकी लोगों को भड़काते हैं . कश्मीरी शांतिप्रिय हैं ये बात मैं जानता हूं. इनको पाकिस्तान भड़का रहा है. कश्मीर घाटी में इस्लामिक भावनाएं भड़काई जा रही हैं. सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके वहां पर इस्लामीकरण के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है.

पूर्व सेना प्रमुख ने आगे कहा, रमजान के दौरान हम ऑपरेशन को स्थगित नहीं कर सकते. आतंकी हमारे संविधान को ललकारते हैं. सेना ये कैसे स्वीकार कर सकती है. भारतीय सेना लोगों की पूरी इज्जत करती है. सभी धर्मों की इज्जत करती है. जो आतंकी बाहर से आए हैं, जो गोली चलाकर लोगों को मारता है उसको हम कैसे छोड़ेंगे.

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बिक्रम सिंह ने कहा, आप पूरी दुनिया के अंदर देख लीजिए रमजान महीने के दौरान ही सबसे ज्यादा फिदायीन हमले होते हैं. सवाल ही पैदा नहीं होता कि इस हालात में आर्मी संघर्ष विराम करेगी. लोगों को यह बात समझनी चाहिए कि जो आतंकी मारे जा रहे हैं उनके खिलाफ स्थानीय लोग ही खबर दे रहे हैं.

बिक्रम सिंह ने कहा, अगर ये आतंकी रॉबिनहुड होते तो कोई स्थानीय इनके खिलाफ क्यों खबर देता. हम नहीं चाहते कि ये हथियार उठाएं. जो स्थानीय युवा गुमराह हो रहे हैं उन्हें हमें शांति के रास्ते पर लाना है. हम उन्हें ऑपरेशन के दौरान भी लाउडस्पीकर से चेतावनी देकर बचाने का काम करते हैं. लेकिन उसके बावजूद अगर वह हथियार नहीं रखते हैं तो सेना के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

जनरल बिक्रम सिंह ने सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की बात का समर्थन करते हुए कहा कि कश्मीर में आजादी का कोई सवाल ही नहीं है. भारतीय सेना देश की संपूर्णता के लिए काम कर रही है. कोई भी सेना इस आजादी को नहीं मान सकती. यह एक सपना है जो इन्हें भूल जाना चाहिए और यह सपना पाकिस्तानी दिखा रहे हैं. 

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