विदेशी मेहमान भी 500-हजार के नोटबंदी से परेशान, नए नोट लेने के लिए दिखे कतार में

500 और 1000 रुपये के नोट का बैन होना सिर्फ भारतीयों के लिए नहीं बल्कि विदेशी मेहमानों के लिए भी मुसीबत लेकर आया. गुरुवार को बैंक खुलने के बाद नोट बदलवाने के लिए जैसे भारतीय कतार में लगकर अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे.

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बैंकों के बाहर लंबी कतारें बैंकों के बाहर लंबी कतारें

रोशनी ठोकने / बालकृष्ण

  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:12 PM IST

500 और 1000 रुपये के नोट का बैन होना सिर्फ भारतीयों के लिए नहीं बल्कि विदेशी मेहमानों के लिए भी मुसीबत लेकर आया. गुरुवार को बैंक खुलने के बाद नोट बदलवाने के लिए जैसे भारतीय कतार में लगकर अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे, वैसे ही विदेश मेहमान भी नजर आए. जर्मनी से भारत घूमने पहुंची मैरी को भी दिल्ली में बैंक के बाहर अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ा.

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मैरी मंगलवार को भारत आई थीं और बुधवार से ही 500 और 1000 के नोट की क़ानूनी मान्यता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रद्द कर दी. बुधवार सुबह मैरी के दोस्त ने उसे मैसेज के जरिये इस बात की जानकारी दी. लेकिन मैरी ने भारत आते ही एयरपोर्ट पर ही अपनी करेंसी एक्सचेंज कर भारतीय करेंसी ले ली थी, जिनमें सभी नोट 500 और 1000 रुपये के थे. लिहाज़ा मैरी बुधवार को दिल्ली दर्शन नहीं कर पाईं. मैरी ने बताया कि उसे फल ख़रीदना था, लेकिन 500 और 1000 के नोट बैन होने की वजह से वो फल नहीं खरीद पाईं. ऑटो का किराया भी देने लायक रुपये मैरी के पास नहीं थे. गुरुवार बैंक खुला तो अपने होटल के नजदीकी आईसीआईसीआई बैंक पहुंच कर उन्होंने करेंसी बदलवाने का फैसला किया. मैरी की तरह कई और विदेशी नागरिक करेंसी एक्सचेंज कराने बैंक पहुंच रहे हैं.

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अमेरिका से अपने देवर की शादी में शामिल होने के लिए अनु चौहान भी देश की राजधानी पहुंची थीं. लेकिन देवर की शादी की लास्ट मिनट शॉपिंग हो या फिर शादी का तोहफा खरीदने की प्लानिंग सब धरे के धरे रह गए. शादी की रस्मों के बीच अनु भी बैंक की लंबी कतारों में नज़र आईं ताकि करेंसी एक्सचेंज हो सके. कुछ विदेशी मेहमानों ने ये भी शिकायत की कि बैंक उनके पास मौजूद भारतीय करेंसी एक्सचेंज नहीं कर रहे हैं. हालांकि बैंक के अधिकारियों ने बताया कि विदेशी मेहमानों को कुछ जरूरी डाक्यूमेंट्स दिखाना अनिवार्य है, जिनके पास डाक्यूमेंट्स नहीं है सिर्फ उन्हें ही जानकारी देकर वापस भेजा जा रहा है.

वहीं विदेशी पर्यटकों को होने वाली परेशानी को देखते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार ने आगरा और बनारस में उनके लिए खास इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निर्देश दिया है कि इस बात के इंतजाम किए जाएं कि बनारस और आगरा में बैंकों के भीतर विदेशी पर्यटकों के लिए अलग से काउंटर लगाए जाएं, जहां जाकर वह अपना पैसा बदल सके. फिलहाल विदेशी मेहमानों की मुश्किल यह है कि पुराने 500 और हजार के नोट कोई लेने को तैयार नहीं है और छोटे नोट बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं है.

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गुरुवार को बैंक खुलने के बाद नोट बदलने वालों की की ऐसी भीड़ लग गई की घंटों तक लोग लाइन में खड़े रहे. इस बारे में मीडिया में खबर आने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राहुल भटनागर को निर्देश दिया कि वह बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ है इस बारे में मशवरा करें और यह देखें कि विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए क्या कुछ किया जा सकता है. इस बात के उपाय किए जा रहे हैं कि कम से कम इन दो शहरों में बैंकों के भीतर विदेशी पर्यटकों के लिए अलग से काउंटर खोला जाए जहां जाकर विदेशी पर्यटक अपना काम कर सकें.

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