इंदिरा जयसिंह के NGO के विदेशी फंड पर लगी रोक, लाइसेंस 6 महीने के लिए सस्पेंड

मशहूर वकील इंदिरा जयसिंह के एनजीओ ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के खिलाफ कार्रवाई के तहत आज विदेशी चंदा विनियमन कानून (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन को लेकर उसका लाइसेंस छह माह के लिए निलंबित कर दिया गया, हालांकि एनजीओ ने आरोप को खारिज करते हुए इसे ‘प्रतिशोध’ के तहत की गई कार्रवाई बताया है.

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सबा नाज़ / BHASHA

  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2016,
  • अपडेटेड 10:04 AM IST

मशहूर वकील इंदिरा जयसिंह के एनजीओ ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के खिलाफ कार्रवाई के तहत विदेशी चंदा विनियमन कानून (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन को लेकर उसका लाइसेंस छह माह के लिए निलंबित कर दिया गया, हालांकि एनजीओ ने आरोप को खारिज करते हुए इसे ‘प्रतिशोध’ के तहत की गई कार्रवाई बताया है.

गृह मंत्रालय ने लाइसेंस निलंबित करते हुए इस एनजीओ से एफसीआरए के विभिन्न प्रावधानों के उल्लंघन के सिलसिले में 30 दिनों के अंदर अपना जवाब देने को कहा. उसके बाद उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है.

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सरकार पर लगा परेशान करने का आरोप
सभी आरोपों को खारिज करते हुए एनजीओ ने सरकार के कदम की निंदा की और सरकार पर इस एनजीओ और इसके पदाधिकारियों इंदिरा जयसिंह, आनंद ग्रोवर को परेशान करने का आरोप लगाया.

सरकारी आदेश को असंवैधानिक करार दिया
एनजीओ ने कहा, 'यह कुछ नहीं, बल्कि एफसीआरए कानून का घोर दुरूपयोग है. यह सर्वविदित है कि ग्रोवर और जयसिंह दोनों ने सरकार और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित इसके कई पदाधिकारियों के खिलाफ मामलों में बतौर वकील कई लोगों की पैरवी की है. लॉयर्स कलेक्टिव ने इस आदेश को चुनौती दी है और असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द करने की जरूरत बताई है.'

पर्याप्त सफाई नहीं दी गई
मंत्रालय ने एनजीओ को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि निर्णय करते समय, जहां एनजीओ द्वारा पेश बचाव, सफाई और दस्तावेजों पर गौर किया गया, वहीं हम प्रथम दृष्टया इस निष्कर्ष पर पहुंचे है कि एसोसिएशन ने एफसीआरए के विविध प्रावधानों का उल्लंघन किया.

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