भारतीय सेना का नया फिटनेस मंत्र: पूरी तरह फिट होने पर ही मिलेगी कमान

सेना के सूत्रों के मुताबिक सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने साफ किया है कि बदलते हालात में अधिकारियों और जवानों का शारीरिक और मानसिक तौर पर पूरी तरह फिट होना जरूरी है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

परमीता शर्मा / मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

सड़क हादसे और लाइफ स्टाइल संबंधी बीमारियां फौज के लिए जी का जंजाल बनी हुई हैं. हर साल लगभग 2 बटालियन से भी ज्यादा की तादाद में फौजी इन दोनों का शिकार होकर अपनी जान गवां रहे हैं. देखा जाए तो हर साल आतंकियों के खिलाफ होने वाले ऑपरेशन और सीमा पर पाकिस्तान के साथ होने वाली लड़ाई में इसकी तुलना में लगभग 10 से 15% फौजी ही अपनी जान गवां रहे हैं.

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सेना के सूत्रों के मुताबिक सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने साफ किया है कि बदलते हालात में अधिकारियों और जवानों का शारीरिक और मानसिक तौर पर पूरी तरह फिट होना जरूरी है. किसी भी अधिकारी को शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट होने पर ही आगे कमान दी जाएगी, अगर कोई अधिकारी शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट नहीं होगा तो उसके बाद के अधिकारी को सेना में कमान दे दी जाएगी.

इसके साथ ही सेना में जवानों और अधिकारियों की मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टरों को भी कहा गया है कि वो समय- समय पर अधिकारियों की पूरी तरह से निष्पक्ष होकर जांच रिपोर्ट बनाएं. हाल ही में देखा गया कि लगभग चार से पांच कर्नल, ब्रिगेडियर और मेजर जनरल रैंक के सीनियर अफसर इसी वजह से जान गवां बैठे. लाइफ स्टाइल संबंधी बीमारियां जैसे हार्ट अटैक और डायबिटीज जैसी बीमारियां फौज में काफी नुकसान पहुंचा रही हैं.

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फौज के सीनियर अफसरों के मैंने तो इन सभी बीमारियों से बचा जा सकता है. अगर सही समय पर और सही जगह पर सैनिकों को न केवल सैनिकों को बल्कि सीनियर अफसरों को इन बीमारियों से दूर रहने की संबंधी जानकारी दी जाए, इसके खतरों के बारे में बताया जाए.

इसी तरह से सड़क संबंधी दुर्घटनाओं से भी बचाव के लिए अगर छुट्टी जाते वक्त सैनिकों को और अफसरों को सही बताया जाए तो इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है.

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