सांसदों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को भले ही वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में यह फाइल अटक गई है. सूत्रों के मुताबिक, पीएमओ फिलहाल इस प्रस्ताव पर मंजूरी देने के पक्ष में नहीं है.
'सांसदों को खुद तय नहीं करना चाहिए अपना वेतन'
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी को लगता है कि सांसदों को अपना वेतन और भत्ते खुद तय नहीं करना चाहिए, बल्कि किसी मैकेनिज्म से वेतन तय होना चाहिए. पीएमओ ने सुझाव दिया है कि जिस तरह वेतन
आयोग सरकारी कर्मचारियों की सैलरी तय कररता है, उसी तरह सांसदों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किसी स्वतंत्र संस्था को तैयार करना चाहिए.
सांसदों का वेतन दोगुना करने का प्रस्ताव
सांसदों का वेतन दोगुना करने का प्रस्ताव संसद में आया था. इसमें सांसदों का वेतन 50 हजार रुपये से एक लाख करने का प्रस्ताव रखा गया था. सांसदों के ऑफिस, संसदीय क्षेत्र का भत्ता भी दोगुना करने का प्रस्ताव रखा गया था. इसमें सांसदों का वेतन और भत्ता मिलाकर 2 लाख 80 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है. वेतन दोगुने करने करने की फाइल को वित्त मंत्रालय ने अपनी मंजूरी देकर पीएमओ को भेजा था.
सांसदों के वेतन-भत्ते बढ़ाने की फ़ाइल पीएमओ में अटकी
हिमांशु मिश्रा