फैक्ट चेक: भारतीय जवान की नहीं है वायरल हो रही यह तस्वीर

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है जिसमें सेना के एक जवान को पट्टियां बांधे बंदूक उठाए देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि सेना को छूट मिलने के बारे में पता चलने के बाद यह जवान अस्पताल से ही इलाज आधे में छोड़ कर दुश्मन से बदला लेने आ गया है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
घायल भारतीय जवान अस्पताल में इलाज छोड़ दुश्मन से बदला लेने पहुंचा
सच्चाई
घायल जवान भारतीय सेना का नहीं बल्कि रूसी सेना का है और तस्वीर 2004 में रूस के बेसलन स्कूल में हुए आतंकी हमले की है

अमनप्रीत कौर

  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:52 AM IST

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही सोशल मीडिया पर देशभक्ति और सेना के प्रति सम्मान दिखाते हुए कई पोस्ट वायरल हो रही हैं. इनमें ज्यादातर पोस्ट सेना को समर्पित हैं, लेकिन जानकारी गलत होने के कारण यह लोगों को भ्रमित करती हैं. सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है जिसमें सेना के एक जवान को पट्टियां बांधे बंदूक उठाए देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि सेना को छूट मिलने के बारे में पता चलने के बाद यह जवान अस्पताल से ही इलाज आधे में छोड़ कर दुश्मन से बदला लेने आ गया है.

Advertisement

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर भारतीय सैनिक की नहीं बल्कि रूसी सैनिक की है.

फेसबुक पेज "मिशन 400+ (साथ है तो अभी जुड़े)"  पर यूजर प्रकाश सिंह ने यह तस्वीर साझा करते हुए कैप्शन में लिखा: "सेना के घायल जवान को पता चलते ही कि सेना को खुली छूट मिल गई, इलाज के बीच से उठकर दुश्मन से बदला लेने अस्पताल से बाहर निकल आया. ये है हमारी सेना काा जज्बा. जय हिंद, वंदेमातरम." खबर लिखे जाने तक यह पोस्ट 12000 से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी थी. "Political Tamasha" "कट्टर मोदी समर्थक ग्रुप से जुड़े और अपने "51 साथियों को जोड़े" और "मेरा भारत महान" जैसे फेसबुक पेज पर इस तस्वीर को हजारों बार शेयर किया जा चुका है. इसके अलावा यह तस्वीर ट्विटर और व्हॉट्सएप पर भी शेयर की जा रही है.

Advertisement

बता दें कि पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए सेना को खुली छूट दे दी थी.

वायरल हो रही तस्वीर का सच जानने के लिए जब हमने इसे रिवर्स सर्च किया तो पाया कि तस्वीर में नजर आ रहा जवान भारतीय सेना का नहीं बल्कि रूसी सेना का है. यह तस्वीर वर्ष 2004 में रूस के बेसलन स्कूल पर हुए आतंकी हमले की है. उस समय कुछ आ तंकियों ने इस स्कूल में करीब 1100 लोगों को बंधक बना लिया था, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे. तीन दिन तक चले इस हमले में रूस की सेना ने काउंटर-टेररिस्ट ऑपरेशन चलाया था.

तस्वीर में नजर आ रहे रूसी सैनिक मैक्सिम एलेग्जेंड्रोविक रजूमोवस्की की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. इस हमले के दौरान वे करीब तीन बार घायल हुए. जितनी बार वे घायल होते उतनी ही बार ड्रैसिंग करवा कर वापस मिशन में जुट जाते. उनके इस जज्बे को देखते हुए उस समय स्थानीय मीडिया ने उन्हें "रशियन टैंक" नाम दिया था. उनकी इस स्टोरी को लोकल मीडिया ने प्रकाशित भी किया था, जहां उनकी घायल अवस्था में अन्य तस्वीरें भी देखी जा सकती हैं.

पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि वायरल हो रही घायल जवान की तस्वीर भारत से नहीं बल्कि रूस से है जहां वर्ष 2004 में एक स्कूल पर आतंकी हमला हुआ था.

Advertisement

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement