पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और उसकी आर्मी 26 जनवरी यानी रिपब्लिक डे से पहले भारतीय सुरक्षा एजेंसियों पर बड़ा हमला करने की फिराक में है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों इस बात को देखते हुए लाइन ऑफ कंट्रोल और जम्मू कश्मीर में तैनात आर्मी और अर्धसैनिक बलों के जवानों को लेकर एक बड़ा अलर्ट जारी किया है.
खुफिया अलर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) और उसके साथ मौजूद 6 से 8 आतंकियों का ग्रुप भारतीय सुरक्षा बलों को पीओके में मौजूद लॉन्चिंग पैड से निशाना बना सकते हैं. आजतक के पास मौजूद खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो और छह से आठ आतंकवादियों का ग्रुप आतंकी "अशरफ टुंड" की मौजूदगी में पाक अधिकृत कश्मीर के गांव लुबीगान में देखे गए हैं.
8 दिसंबर से घात लगाकर बैठे हैं आतंकी और बैट एक्शन टीम
सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है कि यह आतंकी और एसएसजी दोनों मिलकर भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ बैट एक्शन करने की कोशिश में लगे हुए हैं. यह ग्रुप पिछले 8 दिसंबर से लगातार घात लगाकर लीपा लॉंच पैड पर बैठे हुए हैं, लेकिन मौसम खराब होने और बर्फबारी के चलते यह भारतीय सुरक्षा बलों के ऊपर हमले करने में अब तक नाकाम रहे हैं.एक बार फिर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने अंदेशा जताया है कि आतंकी और पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो मिलकर 24 जनवरी से लेकर 26 जनवरी के बीच भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ स्नाइपिंग और बैट एक्शन करने की कोशिश कर सकते हैं. इस बात को देखते हुए भारतीय सुरक्षा बलों को खुफिया एजेंसियों ने फॉरवर्ड लोकेशन पर अलर्ट रहने के लिए कहा है.
क्या है बैट (BAT) टीम
पाकिस्तान सेना अपनी बॉर्डर एक्शन टीम यानी "बैट" को सीमा पर ऑपरेशन के वक्त हार से बचने के लिए बुलाती है. इस टीम में सिर्फ कमांडो ही नहीं बल्कि खूंखार आतंकियों को भी शामिल किया जाता है. ये टीम युद्ध के नियमों का पालन नहीं करते और छापामार तरीके से हमला करते हैं. कुख्यात बैट टीम भारत-पाक सीमा में एक से तीन किलोमीटर तक हमले को अंजाम देने की कोशिश करती है. बैट जब सीमा पर भारतीय जवानों का अपना शिकार बनाने के लिए निकलती है तो पाकिस्तानी रेंजर और सेना इन्हें कवर फायरिंग देती है, जिसके दम पर ये घुसपैठ में कामयाब हो जाते हैं.
भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के फिराक में रहती है बैट टीम
पाकिस्तानी बैट को सीमा यानी लाइन ऑफ़ कंट्रोल या फिर इंटरनेशनल बॉर्डर पर भारतीय जवानों को निशाना बनाने के लिए ही बुलाया जाता है. बैट टीम घुसपैठ के बाद सबसे करीबी जवान को अपना शिकार बनाते हुए गोली मारकर उन्हें जख्मी करती है. उसके बाद उन्हें सीमापार ले जाकर उन्हे प्रताड़ित करने की कोशिश करती है. ये लोग जवानों के शव के साथ किसी भी हद तक बर्बरता कर देते हैं.
जानकर बताते हैं कि बैट टीम के पास अत्याधुनिक हथियार होते हैं, लेकिन ये अपने दुश्मन को जख्मी करने के बाद बर्बरता के लिए चाकू और भालों का इस्तेमाल करते हैं. इन्हें पाकिस्तान की आर्मी कैंप में ही ट्रेनिंग दी जाती है. इन्हें बर्फ, जंगल, पानी, हवा और मैदान में मार करने का प्रशिक्षण दिया जाता है. ये अपने साथ कमांडो की तरह हाई एनर्जी फूड लेकर चलते हैं, ताकि किसी भी हालात में ज्यादा दिनों तक मुकाबला कर सकें.
कश्मीर घाटी आने वाले दिनों में और ज्यादा ग्रेनेड हमले की आशंका
हाल के दिनों में जिस तरीके से लगातार कश्मीर घाटी में ग्रेनेड हमले करने की कोशिश आतंकवादियों की तरफ से की जा रही है. उस बात को देखते हुए भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने 18 जनवरी को एक अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि आतंकी 26 जनवरी के मौके पर कश्मीर घाटी में ग्रेनेड के जरिये तबाही मचाने की कोशिश कर सकते हैं.
सूत्रों ने जानकारी दी है कि आतंकी 26 जनवरी के आसपास सीरियल ग्रेनेड अटैक और फिदायीन हमला सुरक्षाबलों के कैंप पर कर सकते हैं. सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि ग्रेनेड हमले करने के लिए आतंकियों के पास भारी संख्या में ग्रेनेड की सप्लाई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कर दिया है. साथ ही ग्रेनेड लॉबिंग करने के लिए जैश के आतंकियो को खास ट्रेनिंग भी दे दी गई है.
इस साल अबतक 6 बार ग्रैंड लॉबिंग
रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी जम्मू कश्मीर के काजीगुंड और हंदवाड़ा में मौजूद सुरक्षा बलों के कैंपों पर फिदायीन हमले और ग्रेनेड लॉन्चिंग कर सकते हैं. बता दें, 11 जनवरी से लेकर 18 जनवरी के बीच इस साल 6 बार ग्रैंड लॉबिंग अलग-अलग जगहों पर आतंकी कर चुके हैं, यही नहीं 1 दिन पहले एक ही दिन में तीन बार ग्रेनेड सुरक्षाबलों पर फेंकने की कोशिश आतंकियों के द्वारा की गई.
कश्मीर घाटी में आतंकवादियों द्वारा ग्रेनेड की इस तरीके से सुरक्षा बलों पर फेंके जाने को लेकर एजेंसियों ने चिंता जाहिर की है और अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि 26 जनवरी के पहले इस तरीके के ग्रेनेड हमले आतंकी सुरक्षाबलों पर और ज्यादा कर सकते हैं.
जितेंद्र बहादुर सिंह