EXCLUSIVE: मिलिट्री इंटेलिजेंस और सीनियर अफसरों के संज्ञान में था कर्नल पुरोहित का 'सीक्रेट मिशन'

मंत्रालय ने मिलिट्री कोर्ट को पुरोहित की जांच से जुड़े दस्तावेज सौंपे. ये दस्तावेज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के आदेश पर दिए गए हैं. इसके मुताबिक आर्मी का कहना है कि पुरोहित ने सीनियर अफसरों को भी लूप में रखा था.

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वकील ने कहा कि बड़े अफसरों को पुरोहित जानकारी देता था वकील ने कहा कि बड़े अफसरों को पुरोहित जानकारी देता था

केशव कुमार / गौरव सावंत

  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 8:01 AM IST

मालेगांव धमाके के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के मामले में नया मोड़ आया है. इंडिया टुडे को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पुरोहित को रक्षा मंत्रालय की ओर से गोपनीय दस्तावेज सौंपे गए. सूत्रों के मुतबिक कर्नल पुरोहित ने मिलिट्री इंटेलिजेंस के संज्ञान में कई काम किए थे.

मंत्रालय ने मिलिट्री कोर्ट को पुरोहित की जांच से जुड़े दस्तावेज सौंपे. ये दस्तावेज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के आदेश पर दिए गए हैं. इसके मुताबिक आर्मी का कहना है कि पुरोहित ने सीनियर अफसरों को भी लूप में रखा था.

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आतंकी समूहों में घुसपैठ कर जुटाते थे सूचनाएं
कोर्ट में पुरोहित के वकील ने कहा कि इन दस्तावेजों से साबित होता है कि पुरोहित ने अपने सीनियर अफसरों को सारी जानकारी दी थी. सीनियर अफसर बता चुके हैं कि पुरोहित को आतंकी समूहों में घुसपैठ कर जानकारी निकालते थे. उनके इस काम की आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) भी तारीफ कर चुकी है.

एटीएस अफसरों से लगातार संपर्क में था पुरोहित
सुप्रीम कोर्ट में पुरोहित का केस लड़ रहीं नीला गोखले ने कहा कि दो गवाहों ने इस बात की गवाही दी है कि पुरोहित ने एटीएस अफसरों को कई जानकारी दी थी. उनको इस काम के लिए पहले भी बुलाया जाता रहा है. मिशन की गोपनीयता की वजह से पुरोहित ने कोर्ट में चुप्पी साधे रखी.

पर्रिकर को पत्र लिखकर लगाई सम्मान वापसी की गुहार
इसके पहले कर्नल पुरोहित ने सेना का अपना दर्जा वापस करने की मांग की थी. खुद को बेकसूर बताते हुए उन्होंने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को एक पत्र लिखकर इस सम्मान वापसी की गुहार लगाई. इंडिया टुडे को मिले कर्नल पुरोहित के पत्र की कॉपी के मुताबिक उन्होंने दावा किया था कि समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में लश्कर ए तैयबा का हाथ होने की आशंका है. एनआईए की एक टीम इसकी जांच के लिए अमेरिका जा चुकी है. इसके बावजूद उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है. इन मामलों में पुरोहित बिना जमानत के आठ सालों से जेल में बंद हैं.

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पत्र में दिया अपने आर्मी मिशनों का हवाला
अपने पत्र में पुरोहित ने दावा किया है कि उन्होंने सेवा में रहते हुए इंडियन मुजाहिदीन और सिमी सहित कई आंतकी समूहों में पैठ बनाने में कामयाबी पाई थी. उन्होंने अपने सीनियर अफसरों को आतंकी समूहों की गतिविधियों की विस्तार से लिखकर जानकारी दी थी. पुरोहित ने कहा कि देश की सेवा के बदले उनसे सेना का रैंक, उनकी गरिमा और सम्मान छीन लिया गया है.

पुरोहित ने शिंदे को भी लिखा था पत्र
भारतीय सेना के इंटेलिजेंस सर्विस में अंडरकवर काम कर चुके कर्नल पुरोहित ने साल 2014 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को नौ पन्नों का पत्र लिखकर बताया था कि उनके खिलाफ एनआईए ने मालेगांव बलास्ट मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं की है.

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