BSF की जवाबी फायरिंग से पाक रेंजर्स के हौसले पस्त, मदद के लिए सेना को बुलाया, 15 PAK रेंजर्स ढेर

बीएसएफ की जवाबी फायरिंग में सीमा पर पाक रेंजर्स के हौसले पस्त हो गए हैं. मदद के लिए पाक सेना को बुलाया गया है. पाकिस्तान के शक्करगढ़ सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजर अपने आला अधिकारियों को रेडियो सेट पर जानकारी दे रहे थे कि बीएसएफ की फायरिंग में उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है ऐसे में उनको सेना से मदद चाहिए. बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में पाक रेंजर के 15 से ज्यादा जवान मारे गए.

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मंजीत नेगी

  • श्रीनगर,
  • 28 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

बीएसएफ की जवाबी फायरिंग में सीमा पर पाक रेंजर्स के हौसले पस्त हो गए हैं. मदद के लिए पाक सेना को बुलाया गया है. पाकिस्तान के शक्करगढ़ सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजर अपने आला अधिकारियों को रेडियो सेट पर जानकारी दे रहे थे कि बीएसएफ की फायरिंग में उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है ऐसे में उनको सेना से मदद चाहिए. बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में पाक रेंजर के 15 से ज्यादा जवान मारे गए.

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बीएसएफ की कार्रवाई से पाक सीमा में हड़कंप
बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी रेंजर और आसपास के लोगों की कितना भारी नुकसान हुआ है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सीमा के उस पार कितनी अफरातफरी है. हमारे पास पाकिस्तान के सियालकोट और शक्करगढ़ इलाके की एक्सक्लूसिव तस्वीरे हैं जहां पर घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. इसके अलावा पाकिस्तान के सियालकोट के मंत्री मारे गए पाक रेंजर के परिवार को मुआवजे का चेक दे रहे हैं.

पाकिस्तानी सेना कर रही आतंकियों की मदद
पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से जम्मू कश्मीर में एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सरहद पर पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों के साथ मिलकर घुसपैठ और आतंकी हमले की नापाक साजिश को अमली जामा पहनाने में लगी हुई है. देश में दिवाली की खुशियों के मौके पर पाकिस्तान हर हाल में खलल डालने की फिराक में है. वहीं सरहद पर सेना और बीएसएफ के जवानों ने चौकसी कई गुना बढ़ा दी है. सेन और बीएसएफ के जवान पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी का मुँहतोड़ जवाब दे रहे हैं. आजतक की टीम ने सीमापार से लगातार की जा रही गोलाबारी के बीच सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के जवानों के साथ रात में पेट्रोलिंग का जायजा लिया.

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लॉन्चिंग पैड्स पर है आतंकियों का जमावड़ा
पिछले कई दिनों से पाकिस्तानी सेना अंतरराष्ट्रीय सरहद और एलओसी पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है. बीएसएफ और सेना के हवाले से इस बात के पुख्ता ख़ुफ़िया इनपुट हैं कि लश्कर के आतंकवादी पाक सेना की मदद से दिवाली के जश्न में कोई बड़ा खलल डालने की फ़िराक में हैं. इसके लिए पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम के लोग फायरिंग की आड़ में सेना और बीएसएफ के जवानों को निशाना बनाने की फिराक में हैं. इस नापाक प्लान में कुछ हार्डकोर आतंकवादियों को जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करा कर बड़े हमले करना शामिल है. इसके साथ ही आईईडी प्लान्ट कर कुछ खास जगहों को निशाना बनाना जिनमें सेना के कैंप भी शामिल हैं.

सीमा पार से लगातार हो रही है गोलीबारी
हमनें सीमापार से लगातार की जा रही गोलाबारी के बीच सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक फॉरवर्ड पोस्ट पर बीएसएफ के जवानों के साथ पेट्रोलिंग की. पेट्रोलिंग से पहले जवानों को टीम कमांडर ने कुछ ख़ास हिदायत दी. फॉरवर्ड पोस्ट तक पंहुचने के लिए हमें पैदल रास्ता ही तय करना है. बीएसएफ के जवानों को सरहद पर मौजूद कई अग्रिम चौकियों तक पंहुचने के लिए 2 से 3 घंटे का वक्त लगता है.

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फायरिंग की आड़ में घुसपैठ की कोशिश
पेट्रोलिंग टुकड़ी बड़ी सावधानी के साथ आगे बढ़ रही थी क्योंकि अब हम दुश्मन के निशाने पर थे. इन इलाकों में पाकिस्तानी सेना फायरिंग करके आंकवादियों को घुसपैठ में मदद करती है. इसके साथ ही पाकिस्तानी स्नैपर की फायरिंग में बीएसएफ के अब तक तीन जवान शहीद हुए हैं जबकि बीएसएफ की जवाबी फायरिंग में पाक रेंजर के 10 से ज्यादा जवान मारे गए हैं.

दुश्मन की हर हरकत पर है नजर
थोड़ी देर बाद हम एक फॉरवर्ड पोस्ट पहुंचे. अग्रिम चौकी पर जवान बंकर के अन्दर और बाहर से निगरानी कर रहे हैं तो कुछ जवान ऊँचें पोस्ट से दुश्मन पर नजर रख रहे हैं. दिवाली के मौके पर फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात इन जवानों के हौसले का जवाब नहीं है. इनके लिए दिवाली के जश्न का मतलब अपनी सरहद की रक्षा करना है. निगरानी पोस्ट के अंदर तैनात जवान लगातार दो घंटे तक दुश्मन पर नजर गड़ाये रखता है. आँखे सामने दुश्मन पर और अंगुली एलएमजी के ट्रिगर पर. अगर सामने से फायरिंग होती है तो गोली का जवाब गोली से दिया जाता है. साल के बाकी दिन हों या दिवाली का मौक़ा इन जवानों का एक ही लक्ष्य है कि सरहद के उस पार से कोई दुश्मन हमारी सीमा को न लाँघ सके.

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जानें कैसे सरहद की रक्षा कर रहे हैं हमारे जवान
फेंसिंग के साथ साथ पेट्रोलिंग टुकड़ी बड़ी सावधानी के साथ आगे बढ़ रही थी क्योंकि अब हम दुश्मन के निशाने पर थे. तभी अचानक फेंसिंग की दूसरी तरफ कुछ हरकत होने पर जवानों ने अपनी अपनी पोजीशन संभाल ली. काफी देर तक इसी हालात में रहने के बाद जवान फिर से सजग हो गए. सरहद पर तैनात इन जवानों को अपनी चिंता नहीं है. इनका एक ही लक्ष्य है कि सरहद के उस पार से कोई दुश्मन हमारी सीमा को न लाँघ सके. सरहद पर निगरानी का ये सिलसिला यूँ ही पूरी रात और दिन चलता है. गलती के लिए कोई जगह नहीं है. इन जवानों को बस अपने कम्पनी कमांडर की हिदायत याद है कि सरहद पर हालात गर्म हैं. दुश्मन इसका फायदा उठा सकता है. ऐसे में ज्यादा चौकन्ना रहने की जरुरत है.

सुरक्षाबलों को सरकार ने दी पूरी छूट
पाकिस्तानी सेना को करारा जवाब देने के लिए बीएसएफ के जवान हर तरह के हथियार का इस्तेमाल कर रहे हैं. इंसास राइफल, ऐके-47, टैवोर असॉल्ट राइफल और मोर्टार जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसीलिए पाकिस्तानी सेना की फायरिंग के जवाब में बीएएसएफ और सेना के जवान चौगुना जवाब दे रहे हैं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सरहद पर तैनात लोकल कमाण्डर को जवाबी हमले के लिए खुली छूट दी है.

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