जाने-माने वकीलों ने कभी गरीब का केस लड़ने से मना नहीं किया: CJI

जस्टि‍स ठाकुर ने कहा, 'प्रधान न्यायाधीश के तौर पर मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं. आप किसी असाधारण या सुप्रीम कोर्ट के किसी जाने-माने वकील को गरीब व्यक्ति के मामले में दलील देने के लिए चुनें और वह इसके लिए कभी ना नहीं कहेगा.'

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जस्टि‍स टीएस ठाकुर जस्टि‍स टीएस ठाकुर

स्‍वपनल सोनल / BHASHA

  • कोच्चि,
  • 21 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 2:14 AM IST

चीफ जस्टि‍स टीएस ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि इन दिनों वकील करोड़ों रुपये की फीस मांग रहे हैं, लेकिन वह युवाओं से अपील करना चाहते हैं कि वे विशि‍ष्ठ वकील का कद हासिल करें, जो कानूनी सहायता मांगने वाले गरीबों को कभी ना नहीं कहते.

सीजेआई ने यह बयान केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीएस अच्युतानंदन की टिप्पणी के जवाब में दिया, जिसमें सीपीएम नेता ने कहा कि जब उन्होंने एक मामले के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के एक वकील से संपर्क किया, तो उसने 60 लाख रुपये बतौर फीस मांगे.

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जस्टि‍स ठाकुर ने कहा, 'मेरा मानना है कि वकील इन दिनों करोड़ों रुपये मांग रहे हैं. लेकिन मैं अवश्य यह कहूंगा कि ऐसे वकील हैं, जिन्होंने खुद को विशिष्ट बनाया है. प्रधान न्यायाधीश के तौर पर मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं. आप किसी असाधारण या सुप्रीम कोर्ट के किसी जानेमाने वकील को गरीब व्यक्ति के मामले में दलील देने के लिए चुनें और वह इसके लिए कभी ना नहीं कहेगा.'

'धन के साथ पुरस्कार दिलाता है वकालत'
सीजेआई ने ‘एमके नांबियार अकादमी फॉर कंटीनुइंग लीगल स्टडीज’ की आधारशिला रखने के दौरान कहा, 'हम सभी वकीलों को पसंद करेंगे. युवा भी उस कद को प्राप्त कर सकते हैं. दरअसल, यह युवाओं के लिए प्रेरणा का विषय होना चाहिए.' जस्टि‍स ठाकुर ने केरल बार काउंसिल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि कानून का पेशा न सिर्फ पहचान दिलाता है, बल्कि धन और पुरस्कार के मामले में भी काफी लाभ देता है.

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