जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट, घाटी में शांति का दावा

अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी में शांति है. इस बाबत प्रशासन ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी है. रिपोर्ट के मुताबिक, ईद-उल-अजहा पर 300 से ज्यादा टेलीफोन बूथ पर कॉल करने की सुविधा मुहैया कराई गई थी.

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जम्मू-कश्मीर (फाइल फोटो) जम्मू-कश्मीर (फाइल फोटो)

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 10:45 AM IST

अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति है. इस बाबत प्रशासन ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी है. रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के सभी इलाकों में सोमवार को ईद-उल-अजहा मनाया गया. इस रिपोर्ट में विस्तृत जानकारी देते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गृह मंत्रालय को अवगत कराया है कि बांदीपोरा में 7000 लोगों ने अलग-अलग मस्जिदों में जाकर इबादत की.

वहीं, बारामूला में 10000, कुपवाड़ा में 3500, त्रेहगाम में 3000, कुलगाम में 11500, शोपियां में 3000, पुलवामा में 1800, अवंतीपुरा में 2500, अनंतनाग में 3000, गांदेरबल में 7000 और बड़गांव में 13,000 हजार लोगों नमाज अदा की. श्रीनगर के 100 से ज्यादा मस्जिदों में ईद-उलज-अजहा की नमाज अदा की गई. जम्मू में 5000 लोगों ने अलग-अलग जगहों पर मस्जिदों में जाकर इबादत की.

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वहीं, जम्मू के 5 जिलों में पूरी तरह से रिस्ट्रिक्शन हटा लिया गया था. रात को कुछ जगहों पर रिस्ट्रिक्शन खुफिया इनपुट के आधार पर लगाए गए थे. श्रीनगर में 5000 कॉल 1 दिन में करने की सुविधा जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने दी थी. प्रशासन ने गृह मंत्रालय को यह भी जानकारी दी कि 300 से ज्यादा टेलीफोन बूथ पर कॉल करने की सुविधा मुहैया कराई गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, 50% दुकानें खरीदारी के लिए खोली गई थीं. इस दौरान करीब ढाई लाख भेड़ें और बकरियां खरीदी गईं.

प्रशासन ने गृह मंत्रालय को यह भी जानकारी दी कि श्रीनगर में आतंकी किसी भी घटना को अंजाम न दे सकें, इसके लिए कई जगहों पर कड़े इंतजाम किए गए थे. कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों ने प्रोटेस्ट भी किया. इस दौरान एक या दो लोगों को छुटपुट चोटें भी आई हैं. प्रशासन ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है.

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