डॉक्टर पायल तडवी का सुसाइड नोट...'अब बर्दाश्त नहीं कर सकती, सब बर्बाद हो गया'

मुंबई में डॉक्टर पायल तडवी की खुदकुशी के मामले में अब उनका सुसाइड नोट सामने आया है. तीन पेज का ये सुसाइड नोट दरअसल पायल तडवी की अपने माता-पिता को लिखी आखिरी चिट्ठी है. इस चिट्ठी में पायल ने अपने दर्द और अपने साथ हो रही ज्यादतियों का विस्तार से जिक्र किया है.

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पायल तडवी (फाइल फोटो) पायल तडवी (फाइल फोटो)

विद्या

  • मुंबई,
  • 26 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 4:46 PM IST

मुंबई में डॉक्टर पायल तडवी की खुदकुशी के मामले में अब उनका सुसाइड नोट सामने आया है. तीन पेज का ये सुसाइड नोट दरअसल पायल तडवी की अपने माता-पिता को लिखी आखिरी चिट्ठी है. इस चिट्ठी में पायल ने अपने दर्द और अपने साथ हो रही ज्यादतियों का विस्तार से जिक्र किया है.

पायल तडवी ने लिखा है, ‘मम्मी-पापा मुझे वास्तव में अपनी जान लेने का बहुत खेद है. मैं जानती हूं कि मैं आप के लिए कितनी खास हूं और आप लोग ही मेरी दुनिया हो. लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि यह असहनीय हो गया है. मैं उनके साथ एक मिनट भी नहीं रह सकती हूं.’

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डॉक्टर पायल तडवी ने हॉस्टल के कमरे में खुदकुशी की थी और इस मामले में तीन वरिष्ठ डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया था. इन आरोपी डॉक्टरों का जिक्र डॉक्टर तडवी ने अपने आखिरी खत में भी किया है. डॉक्टर तडवी ने लिखा, ‘पिछले एक साल से इस उम्मीद से मैं उनसे सुने जा रही थी कि यह सब खत्म हो जाएगा लेकिन मैं अब केवल अंत देख रही हूं. वास्तव में इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है, मुझे इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिखा.’

नायर हॉस्पिटल के स्त्री रोग विभाग के बारे में पायल तडवी ने लिखा है, जहां वह काम करती थीं. सुसाइड नोट में लिखा है, ‘यहां मेरे साथ और हमारे समर्थन में कोई खड़ा नहीं हुआ. मैं हमेशा स्त्री रोग विशेषज्ञ बनना चाहती थी लेकिन मुझे कॉलेज में खाना पकाना पड़ा.’

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पायल ने लिखा, 'शुरू में मैं और स्नेहल ने किसी से कुछ नहीं कहा. लेकिन यातना उस स्तर तक जारी रही कि मैं सहन नहीं कर सकती थी. मैंने उनके खिलाफ शिकायत की लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. मैंने अपनी पेशेवर जिंदगी, निजी जिंदगी सब खो दिया.' आगे वह लिखती हैं कि जब तक वे नायर हॉस्पिटल में हैं, मुझे कुछ नहीं सीखने देंगी. पिछले तीन सप्ताह से मुझे लेबर रूम में नहीं जाने दिया गया क्योंकि वो मुझे काबिल नहीं मानती थीं. मुझे ओपीडी में लेबर रूम से बाहर रहने के लिए कहा गया. मरीजों को देखने की बजाय क्लर्कियल वर्क दिया गया.’

डॉक्टर पायल तडवी की सहेली और नायर हॉस्पिटल में उनकी सहयोगी डॉक्टर स्नेहल ने इस मामले में अपना बयान क्राइम ब्रांच में दर्ज करा दिया है.

इसके अलावा डॉ तडवी ने लिखा, ‘मैं हेमा आहूजा, भक्ति मेहरा और अंकिता खंडेलवाल को मेरी और स्नेहल की हालत के लिए जिम्मेदार ठहराती हूं. मैंने बहुत कोशिश की. कई बार आगे आई, मैडम से बात की लेकिन कुछ नहीं किया गया. मुझे सचमुच कोई रास्ता नहीं दिखा. मैं केवल THE END देख सकती हूं.

डॉक्टर तडवी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, ' इस कदम को उठाने के लिए माफी मांगती हूं. अपनी दोस्त के बारे में काफी सोचा, मैं नहीं जानती कि कैसे स्नेहल इन तीन का सामना करेगी. मैं उसे उनके सामने छोड़ने पर डरी हुई हूं.'

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इस बीच, बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीनों डॉक्टरों हेमा, भक्ति और अंकिता की जमानत याचिकाओं की सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए टाल दी है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में संशोधन के बाद पहली बार बॉम्बे हाईकोर्ट डॉक्टर पायल तडवी आत्महत्या के मामले में दायर जमानत आवेदनों पर सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग करेगा.

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