दिल्ली में होने वाले UN कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान, नॉर्थ कोरिया को न्योता नहीं

दिल्ली के विज्ञान भवन में होने वाले 2 दिन के इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में इस बात पर चर्चा होगी कि दुनिया के नए बाजार में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा किस तरह की जाए और इस बारे में किस तरह के नियम-कानून बनाए जाएं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

बालकृष्ण

  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST

दिल्ली में 26 अक्टूबर को दुनिया के 24 देश 'ग्लोबल कान्फ्रेंस ऑन कंज्यूमर प्रोटेक्शन' को लेकर हो रही एक महत्वपूर्ण बैठक में जुटेंगे. इस अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जिसके लिए जापान, साउथ कोरिया, अफगानिस्तान, थाईलैंड और म्यांमार को आमंत्रित किया गया है.लेकिन इस कान्फ्रेंस के लिए पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया को निमंत्रण नहीं भेजा गया है. खास बात यह है कि इस कान्फ्रेंस के लिए चीन को न्योता भेजा गया है.

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दिल्ली के विज्ञान भवन में होने वाले 2 दिन के इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में इस बात पर चर्चा होगी कि दुनिया के नए बाजार में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा किस तरह की जाए और इस बारे में किस तरह के नियम-कानून बनाए जाएं. इस कान्फ्रेंस का आयोजन यूनाइटेड नेशन कान्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (UNCTAD ) कर रही है.

कॉन्फ्रेंस में इस बात पर भी चर्चा होगी कि उपभोक्ता संरक्षण के लिए UN के गाइडलाइंस का पालन कौन से देश किस तरह से कर रहे हैं, अलग-अलग देशों में उपभोक्ता संरक्षण के लिए किस तरह के कानून हैं और उन्हें आपस में मिलकर किस तरह बेहतर बनाया जा सकता है.

कॉन्फ्रेंस में खासतौर पर इस बात पर चर्चा होगी कि ई-कॉमर्स के प्रचार और इलेक्ट्रॉनिक फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन को लेकर उपभोक्ताओं को किस तरह जागरूक बनाया जाए और कैसे ऐसा इंतजाम किया जाए कि उपभोक्ता ई-ट्रांजैक्शन के दौरान ठगे न जाएं . इस तरह के अपराध से निपटने के लिए किस तरह के उपाय किए जाएं इस बात पर खास तौर पर चर्चा होगी.

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UN का मानना है कि उपभोक्ता संरक्षण के मामले में सभी देशों को एकदूसरे के साथ जानकारियों का आदान प्रदान करना चाहिए और इस बारे में एकदूसरे का सहयोग करना चाहिए.

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान से पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया को बुलाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि सरकार ने इन दोनों देशों को निमंत्रण नहीं भेजने का फैसला किया है.

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