हरियाणा में आरक्षण आंदोलन की आग पर काबू पाने के लिए बैठकों का दौर शुरू कर दिया है. शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की मौजूदगी में दिल्ली में जाट नेताओं के साथ बातचीत की है. इसके बाद सीएम ने कहा कि हमने सभी से बात की है, सुझाव लिए हैं.
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, 'दिल्ली और दूसरे राज्यों से भी मंत्रियों ने हमसे विचार साझा किए हैं. हमने जाट आरक्षण के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया. हम वही करेंगे जो सही है. कल कुछ लोगों ने डीजी से भी मुलाकात की. सभी ने अपने विचार रखे.'
दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा, 'हर किसी को शांति चाहिए. सरकार ने जो वादा किया है, वह उसके प्रति जिम्मेदार है. कुछ लोगों ने माहौल खराब किया है. सरकार अपना काम कर रही है.'
31 मार्च तक की मोहलत
गौरतलब है कि जाट नेताओं ने शुक्रवार को सरकार को आरक्षण आंदोलन के लिए 31 मार्च तक की डेडलाइन दी है. जाट नेताओं ने कहा कि सरकार 31 मार्च तक आरक्षण बिल विधानसभा में पेश करे. जबकि इससे पहले जाटों ने विधानसभा में आरक्षण बिल पास करने के लिए शुक्रवार तक का अल्टीमेटम दिया था.
बताया जा रहा है कि कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से बिल पास नहीं हो सका है. इससे पहले सरकार ने आंदोलन की आशंका को देखते हुए रोहतक, सोनीपत और झज्जर समेत कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा रोक दी. साथ ही सोनीपत में धारा 144 लागू कर दी गई, जिसके तहत एक साथ चार से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते. कुछ हफ्ते पहले जाट आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी.
क्या कहना है जाट नेताओं का
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं का कहना है कि बातचीत के बाद ही वो आगे की रणनीति तय करेंगे और तब तक आंदोलन स्थगित रहेगा. जाट आरक्षण संघर्ष समित के नेता यशपाल मलिक ने कहा कि हमें उम्मीद करते हैं कि सरकार हमारे सुझावों पर गौर करेगी और इस बाबत बिल लेकर आएगी. हरियाणा में माहौल ठीक है.
जाट नेता इसी सत्र में आरक्षण से जुड़े बिल को हरियाणा विधानसभा में लाने की मांग कर रहे हैं. बीते दिनों आरक्षण को लेकर हिंसक झड़प में 30 लोगों की जान चली गई थी, जबकि करोड़ो का नुकसान भी हुआ था.
स्वपनल सोनल