MCD को हाईकोर्ट की फटकार, कहा- 5वीं क्लास के छात्रों को ABCD तक नहीं आती

इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि, "देश का संविधान बच्चों के लिए भी है. नगर निगम के स्कूलों में 5 वीं क्लास के बहुत से बच्चों को ठीक से एबीसीडी जैसी बेसिक जानकारी भी नहीं होती है. हाईकोर्ट ने वकील को कहा कि वो खुद स्कूल में जाकर असलियत देखें.

Advertisement
फाइल फोटो. फाइल फोटो.

आदित्य बिड़वई / पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:37 PM IST

दिल्ली नगर निगमों के स्कूलों की बदहाली को लेकर लगाईं गई याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि नगर निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ठीक से एबीसीडी भी नहीं आती है. आखिर आप उन्हें पढ़ा क्या रहे हो. हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी तब की जब नगर निगम के वकील ने कोर्ट को बताया कि स्कूलों का संचालन एक संवैधानिक प्रावधान है.

Advertisement

इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि, "देश का संविधान बच्चों के लिए भी है. नगर निगम के स्कूलों में 5 वीं क्लास के बहुत से बच्चों को ठीक से एबीसीडी जैसी बेसिक जानकारी भी नहीं होती है. हाईकोर्ट ने वकील को कहा कि वो खुद स्कूल में जाकर असलियत देखें.

दिल्ली हाईकोर्ट जस्टिस फॉर ऑल एनजीओ की तरफ़ से दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इससे पहले हाईकोर्ट ने इस मामले में नगर निगम को जमकर फटकार लगाई थी. वहीं, दिल्ली सरकार को इन स्कूलों का संचालन अपने हाथ में लेने की संभावना तलाशने को भी कहा था. इस पर दिल्ली सरकार ने भी हामी भरी थी. याचिका में बताया गया है कि नगर निगम के स्कूलों में छात्रों के लिए न पीने का पानी है और न ही शौचालय की व्यवस्था है.

Advertisement

कोर्ट के कहने के बाद याचिकाकर्ता ने स्कूलों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट में बताया था कि नगर निगम स्कूलों की स्थिति बहुत ही बदहाल है और कोर्ट मे इस बदहाली को दिखाने के लिए स्कूलों और छात्रों के फ़ोटो खींच कर कोर्ट को दिखाए गए थे. याचिकाकर्ता ने फोटो कोर्ट को सौंपते हुए ये तक बताया कि कुछ स्कूल तो बारात घर के बरामदे में चल रहे है.

नगर निगमों के स्कूलों की हालत अभी से नहीं बरसों से खराब है और उसकी सबसे बड़ी वजह बजट की कमी और शिक्षकों की हज़ारों की तादाद कमी होना है. अब जब स्कूलों के पास ख़र्च करने के लिए पैसे नही होंगे और पढ़ाने के लिए शिक्षक नही होंगे तो शिक्षा का स्तर क्या होगा ,इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement