राज्यसभा सदस्यता जाने पर भी शरद यादव को मिलती रहेगी भत्ते-बंगले की सुविधा

दिल्ली हाईकोर्ट ने शरद यादव को राज्यसभा सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है. हालांकि दिलचस्प बात यह है कि कोर्ट ने यादव को मिल रहे भत्ते और सरकारी बंगला की सुविधा जारी रखने की इजाजत दे दी है.

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शरद यादव शरद यादव

पूनम शर्मा / राम कृष्ण

  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने राज्यसभा की सदस्यता को लेकर शरद यादव को करारा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने शरद यादव को राज्यसभा सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है. हालांकि दिलचस्प बात यह है कि कोर्ट ने यादव को मिल रहे भत्ते और सरकारी बंगला की सुविधा जारी रखने की इजाजत दे दी है.

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शरद यादव ने राज्यसभा सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में यादव ने संसद के शीतकालीन सत्र में शामिल होने की अनुमति के लिए अंतरिम आदेश देने का अनुरोध किया है.

वहीं, शुक्रवार से शुरू हुए संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में जेडीयू नेता शरद यादव और अली अनवर की सदस्यता रद्द होने को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि महागठबंधन की बैठक में था, हमने तय किया था कि नीतीश कुमार ही हमारे सीएम चेहरा होंगे और वोट महागठबंधन के नाम पर मांगे जाएंगे. नीतीश कुमार ने वोट महागठबंधन के नाम पर मांगा और गठबंधन को तोड़कर चले गए.

मालूम हो कि चार दिसंबर को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने जेडीयू के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने का फरमान सुनाया था. इससे पहले जेडीयू का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात कर शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता को रद्द करने की मांग की थी.

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उन्होंने कहा था कि दोनों नेता पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं और इसी वजह से उन दोनों की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए. जेडीयू के इस मांग पर सुनवाई करने के बाद सोमवार को वेंकैया नायडू ने अपना फैसला सुनाया और दोनों नेताओं की राज्यसभा सदस्यता रद्द कर दी.

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