CBI की अपील पर 2जी केस में HC ने एस्सार ग्रुप के प्रमोटर्स को भेजा नोटिस

सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में 2जी स्पेक्ट्रम मामले में एस्सार ग्रुप के प्रमोटर्स रवि कांत रुइया और अंशुमान रुइया के खिलाफ ये दूसरी अपील दायर की है, जिस पर आज नोटिस जारी हुआ है. पिछले साल दिसंबर में पटियाला हाउस कोर्ट ने रवि कांत रुइया और अंशुमान रुइया को 2जी मामले में बरी कर दिया था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

अजीत तिवारी / पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 7:01 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2जी केस में एस्सार ग्रुप के प्रमोटर्स को नोटिस जारी किया है. ये नोटिस 2जी मामले में पटियाला हाउस कोर्ट से बरी किये जाने के बाद सीबीआई की हाईकोर्ट में लगाई गई अपील पर जारी किया गया है. सीबीआई ने निचली अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी करने के फैसले को यह कहकर चैलेंज किया है कि निचली अदालत ने उनके सबूतों को संज्ञान में ही नहीं लिया.

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सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में 2जी स्पेक्ट्रम मामले में एस्सार ग्रुप के प्रमोटर्स रविकांत रुइया और अंशुमान रुइया के खिलाफ ये दूसरी अपील दायर की है, जिस पर आज नोटिस जारी हुआ है. पिछले साल दिसंबर में पटियाला हाउस कोर्ट ने रविकांत रुइया और अंशुमान रुइया को 2जी मामले में बरी कर दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को सीबीआई ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. कोर्ट इस पर 20 अप्रैल को सुनवाई करेगा.

इससे पहले सीबीआई और ईडी ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत निचली अदालत से बरी हुए सभी 19 लोगों के खिलाफ हाइकोर्ट में अपील की गई थी, जिस पर सभी को कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. ईडी और सीबीआई दोनों ने ही दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की है. ये दूसरी अपील है जो सीबीआई की तरफ से 2जी केस में दायर की गई है.

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इससे पहले 21 दिसंबर को दिल्ली की विशेष सीबीआई पटियाला कोर्ट ने 2जी केस से सभी आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. उस वक्त कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जांच एजेंसी कोई भी पुख्ता सबूत आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में पेश नहीं कर पाई, जिसके चलते कोर्ट के पास उन सभी को बरी करने के अलावा कोई चारा नहीं था.

कोर्ट में 2जी का मामला 2010 में था और कैग की रिपोर्ट के आधार पर माना गया कि ये करीब 175 हजार करोड़ का घोटाला है. माना गया कि 2जी स्पेक्ट्रम को अपने जानकारों को देने के लिए धांधली करते हुए उसे कम रेट पर दिया गया जिससे 175 हज़ार करोड़ का देश को नुकसान हुआ. हालांकि ये आरोप सीबीआई और ईडी कोर्ट मे साबित करने मे नाकामयाब रही.

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