अगले 36 घंटे में 'फानी' का कहर, ओडिशा-बंगाल पर खतरा, नौसेना अलर्ट

एक मई की शाम से चक्रवाती तूफान फानी बंगाल की खाड़ी में अपनी दिशा बदलना शुरू कर देगा और यह ओडिशा के तटवर्ती इलाकों की तरफ रुख कर लेगा. मौसम विभाग के मुताबिक जैसे जैसे तूफान आगे बढ़ेगा वैसे वैसे उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों और ओडिशा के तटीय इलाकों में समंदर अशांत हो जाएगा.

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चक्रवाती तूफानी फानी का खतरा चक्रवाती तूफानी फानी का खतरा

सिद्धार्थ तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

बंगाल की खाड़ी में उमड़ घुमड़ रहा चक्रवात फानी इस समय आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम से दक्षिण पूर्व दिशा में तकरीबन 700 किलोमीटर की दूरी पर पहुंच चुका है. इस समय इसके अंदर चल रही हवाओं की रफ्तार 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले 36 घंटे में यह तूफान अति भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा. तब इसके अंदर हवा की रफ्तार 165 से 175 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच हो जाएगी. यह स्थिति एक मई तक बनेगी.

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एक मई की शाम से चक्रवाती तूफान फानी बंगाल की खाड़ी में अपनी दिशा बदलना शुरू कर देगा और यह ओडिशा के तटवर्ती इलाकों की तरफ रुख कर लेगा. मौसम विभाग के मुताबिक जैसे-जैसे तूफान आगे बढ़ेगा वैसे-वैसे उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों में समंदर अशांत होता जाएगा.

मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन के मुताबिक 1 मई तक पुड्डुचेरी, तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में समुद्र में ऊंची ऊंची लहरें तेज हवाओं के बीच देखी जाएंगी. लिहाजा लोगों को सलाह दी गई है कि वह समुद्र से दूर रहें. उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में 1 मई से लेकर 3 मई के दौरान समुद्र में ऊंची ऊंची लहरें उठेंगी और इन इलाकों में तेज हवाएं चलेंगी.

मौसम विभाग का कहना है कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 2 से लेकर 4 मई के दौरान जबरदस्त हवाओं के बीच समुद्र में ऊंची ऊंची लहरें लोगों को डराती रहेंगी. इन स्थितियों में मौसम विभाग ने चेतावनी दी है समुद्र में मौजूद सभी मछुआरों को वापस जल्द से जल्द आ जाना चाहिए. इसके अलावा केरल, तमिलनाडु के इलाकों में अगले 24 घंटे में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान भी मौसम विभाग ने लगाया है.

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जैसे जैसे तूफान ताकतवर होता जा रहा है वैसे वैसे ओडिशा और पश्चिम बंगाल में चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. मौसम विभाग के रडार और सैटेलाइट चक्रवाती तूफान फानी पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. अभी तक के पूर्वानुमान के अनुसार इस चक्रवात से सबसे ज्यादा खतरा ओडिशा के तटवर्ती इलाकों के साथ साथ पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों को है. ऐसा अनुमान है कि 4 मई की सुबह और 3 मई की रात को यह तूफान जगन्नाथपुरी के आसपास लैंडफॉल करेगा. इसके मद्देनजर राज्य और केंद्र की तमाम एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है.

अलर्ट पर है नौसेना

तूफान फानी के बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व और इससे लगे दक्षिण-पश्चिम में लगातार बढ़ने पर पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है. विशाखापत्तनम और चेन्नई में भारतीय नौसेना के जहाजों को आपात स्थिति में प्रभावित स्थानों पर मानवीय सहायता आपदा राहत (एचएडीआर) के अंतर्गत बचाव कार्य तथा स्वास्थ्य सुविधाएं और परिवहन सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रखा गया है. ये जहाज अतिरिक्त गोताखोरों, डॉक्टरों, हवा वाली रबड़ की नावों और भोजन, टेंट, कपड़ों, दवाइयों और कंबलों राहत सामग्रियों से लैस हैं.

सेना के प्रवक्ता ने कहा कि तमिलनाडु में अरक्कोनाम स्थित नेवल एयर स्टेशन 'आईएनएस राजाली' और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में नेवल एयर स्टेशन 'आईएनएस डेगा' में नौसेना के विमान भी प्रभावित क्षेत्र के निरीक्षण, बचाव, घायलों को निकालने और वहां फंसे लोगों को राहत सामग्री वितरित करने के लिए तैयार खड़े हैं. ईएनसी बंगाल की खाड़ी पर बारीकी से नजर बनाए हुए है और 'तमिलनाडु और पुडुचेरी नेवल एरिया के फ्लैग ऑफीसर' (एफओटीएनए) और आंध्र प्रदेश और ओडिशा के प्रभारी नेवल ऑफिसर अपने-अपने राज्य प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं.

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