फ्रॉड के जरिए चोर ने क्रेडिट कार्ड से की शॉपिंग, साइबर सेल ने यूं वापिस दिलवाए पैसे

पूजा ने पुलिस को बताया कि 13 जून 2019 को उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आई जिसमें शख्स ने खुद को बीआरटीएस कंप्लेंट बोर्ड का कर्मचारी बताते हुए 20 रुपये जमा करने को कहा और इसके लिए एक लिंक भी भेज दिया.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • अहमदाबाद,
  • 22 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST

  • साइबर फ्रॉड के जरिए पहले चोर ने की शॉपिंग
  • साइबर सेल ने यूं दिलवाए पीड़ित के पैसे

गुजरात में साइबर फ्रॉड का जो मामला सामने आया है उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. फ्रॉड की पूरी कहानी सुनकर गुजरात पुलिस की साइबर सेल भी चौंक गई.

दरअसल गुजरात के प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली एक युवती पूजा बनर्जी ने अहमदाबाद में साइबर थाने में अपने क्रेडिट कार्ड से फ्रॉड के जरिए  49,581 रुपये की शॉपिंग का केस दर्ज कराया.

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पूजा ने पुलिस को बताया कि 13 जून 2019 को उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आई जिसमें शख्स ने खुद को बीआरटीएस कंप्लेंट बोर्ड का कर्मचारी बताते हुए 20 रुपये जमा करने को कहा और इसके लिए एक लिंक भी भेज दिया.

पूजा ने उस लिंक को खोलकर अपने क्रेडिट कार्ड से 20 रुपये जमा कर दिए जिसका मैसेज भी उन्हें आया. लेकिन ठीक इसके थोड़ी देर बाद पूजा के उसी क्रेडिट कार्ड से 49 हजार 851 रुपये की शॉपिंग का मैसेज आया जिसे देखकर पूजा के पैरों तले जमीन खिसक गई.

पीड़ित ने कहा, 'क्रेडिट कार्ड देने वाले बैंक से इस फर्जीवाड़े के खिलाफ मदद करने की गुजारिश की क्योंकि यह महज कुछ मिनटों में हुआ था. लेकिन वे अपने रुख पर अडिग रहे. मैंने उन्हें सख्ती से कहा कि वे कार्ड को ब्लॉक करें और हमारी तरफ से फर्जीवाड़े करने वाले आरोपी को खिलाफ कार्रवाई करें.'

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जालसाजी की शिकार हुई पूजा बनर्जी ने बताया कि इस मामले की शिकायत के लिए वो पुलिस स्टेशन गईं लेकिन पुलिस से उन्हें कोई मदद नहीं मिली. एक मित्र की सलाह पर पीड़ित पूजा साइबर पुलिस स्टेशन पहुंची और अपने साथ हुई धोखाधड़ी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

शिकायत के तुरंत बाद साइबर सेल ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी और वो जल्द ही उस शख्स तक पहुंच गए जिसने अपने वॉलेट में कार्ड से पैसा ट्रांसफर किया था. 49851 रु के धोखाधड़ी में से लगभग 29000 रुपये आरोपी खर्च कर चुका था. बाकी के 21139 रुपये उसने अपने ई वॉलेट में रखा था.

साइब सेल टीम के अधिकारी ए के जडेजा और इंस्पेक्टर जितेन्द्र ओझा ने इस केस में कड़ी मेहनत की. दोनों अधिकारियों से पीड़ित ने बाकी के 21139 रुपये को फ्रीज करने और इसे वापस हमारे क्रेडिट कार्ड पर वापस करने का अनुरोध किया.

अधिकारियों की बदौलत अगले दिन यह राशि वापस खाते में आ गई. गुजरात पुलिस के  साइबर सेल की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण है कि यह राशि वापस क्रेडिट कार्ड खाते में जमा हो गई. इस मामले में आगे की जांच चल रही है.

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