सीताराम येचुरी बोले, हालात के साथ अपने आपको बदलने वाला ही मार्क्सवादी

येचुरी ने कहा है, 'मार्क्सवाद की खूबसूरती विभिन्न परिस्थितियों का ठोस विश्लेषण करने में है. अगर परिस्थितियां बदलेंगी तो आपको भी अपना विश्लेषण उसी गति से बदलना होगा. अगर आप नहीं बदलेंगे तो आप मार्क्सवादी नहीं रह जाएंगे. मेरी समझ में एक मार्क्सवादी को ऐसा ही होना चाहिए.'

Advertisement
सीताराम येचुरी सीताराम येचुरी

भारत सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST

कांग्रेस के साथ मिलकर बीजेपी का सामना करने के प्रस्ताव को पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक में मंजूरी दिला पाने में नाकाम रहे सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी इससे निराश नहीं हैं. अब वह इसी साल अप्रैल में होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में इस प्रस्ताव को पास कराने की कोशिश करने वाले हैं.

हालांकि, उन्होंने कहा है कि इसे उनकी हार नहीं कहा जाना चाहिए, क्योंकि सीपीएम में किसी भी विषय पर विस्तृत बहस की परंपरा रही है. हां, उन्होंने केंद्रीय समिति की बैठक में अपने प्रस्ताव के 31 के मुकाबले 55 मतों से खारिज हो जाने पर अपना इस्तीफा देने का प्रस्ताव रखा था. इस मामले पर उनका कहना है कि उनका प्रस्ताव खारिज हो जाने पर उनका पद पर बने रहना सही नहीं होता, लेकिन पार्टी की केंद्रीय समिति को लगा कि ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए कि सीपीएम में कांग्रेस को लेकर फूट पड़ गई.

Advertisement

उन्होंने कहा कि इसके अलावा त्रिपुरा में चुनाव भी होने थे और पार्टी नहीं चाहती थी कि इन चुनावों से पहले ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए. 

येचुरी का मानना है कि ऐसा प्रस्ताव पेश करने की वजह से उन्हें कांग्रेस की ओर झुकाव रखने वाला नहीं मानना चाहिए. उन्होंने कहा है कि चुनावों में रणनीतिक तैयारियों के साथ उतरना चाहिए. येचुरी का कहना है कि पार्टी का पहला मकसद मौजूदा ताकतों (बीजेपी) को सत्ता से हटाना है.

पढ़ें- क्या प्रकाश कारत दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक भूल कर रहे हैं?

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में येचुरी ने पार्टी में सैद्धांतिक और व्यवहारिक मार्क्सवाद में प्रतिद्वंद्विता पर भी अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा है कि उनके लिए मार्क्सवाद एक रचनात्मक विज्ञान है. उन्होंने कहा है, 'मार्क्सवाद की खूबसूरती विभिन्न परिस्थितियों का ठोस विश्लेषण करने में है. अगर परिस्थितियां बदलेंगी तो आपको भी अपना विश्लेषण उसी गति से बदलना होगा. अगर आप नहीं बदलेंगे तो आप मार्क्सवादी नहीं रह जाएंगे. मेरी समझ में एक मार्क्सवादी को बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए.'

Advertisement

येचुरी का कहना है कि आज देश को नेता नहीं नीति की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी के वोट शेयर में 11 फीसदी की कमी तो आई, लेकिन जनता के सामने स्पष्ट वैक्लपिक नीति नहीं थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों की वजह से ही आज बीजेपी सत्ता में है. येचुरी ने यह भी कहा कि सीपीएम की खूबी लोगों के सामने वैकल्पिक नीति पेश करने की है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement