RTI कानून में बदलाव के खिलाफ SC का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में सीपीएम

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम) आरटीआई कानून में संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रही है. बता दें कि गुरुवार को आरटीआई कानून में (संशोधन) विधेयक राज्य सभा से पास हो गया.

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सीताराम येचुरी (फाइल फोटो- IANS) सीताराम येचुरी (फाइल फोटो- IANS)

आशुतोष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 6:26 PM IST

सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में संशोधन के खिलाफ एक तरफ देशभर में आरटीआई एक्टिविस्ट मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्‍सवादी) आरटीआई कानून में संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रही है. बता दें कि गुरुवार को आरटीआई कानून में (संशोधन) विधेयक राज्य सभा से पास हो गया.

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सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि आरटीआई कानून में संशोधन के खिलाफ देश के अलग-अलग एक्टिविस्ट और कानूनी जानकार अदालत जाने की तैयारी कर रहे हैं और उनकी पार्टी भी इस पर कानूनी परामर्श ले रही है. येचुरी ने दावा किया कि सूचना के अधिकार कानून में किए गए बदलाव के बाद जनता को सूचना मिलने का अधिकार खत्म हो जाएगा.

सीताराम येचुरी का कहना है कि इस कानून में बदलाव से सरकार में पारदर्शिता का अंत हो जाएगा. उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुहार लगाई है कि वह जनता के अधिकारों का ख्याल रखते हुए इस कानून पर दस्तखत न करें और इसे मंजूरी न दें. साथ ही उन्होंने राज्यसभा में इस मसले पर मोदी सरकार का साथ देने के लिए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और बीजू जनता दल (बीजेडी) की आलोचना की.

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बता दें कि संसद में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में संशोधन संबंधी विधेयक पारित होने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मोदी सरकार पर निशाना साध चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि भ्रष्टाचारियों की मदद करने के लिए सरकार आरटीआई को कमजोर कर रही है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘सरकार भ्रष्ट और चोरी करके भारत से भागने वालों की मदद के लिए आरटीआई को कमजोर कर रही है. यह भी अजीब बात है कि भ्रष्टाचार पर हल्ला मचाने वाली भीड़ अचानक गायब हो गई है.’

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