तीन तलाक बिल पर राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी, बताई 'विरोध' की असल वजह

प्रस्तावि विधेयक के मुताबिक तीन तलाक देने वाले पुरुष को सजा और जुर्माना दोनों भुगतना होगा. तीन तलाक देने वाले पुरुष को तीन साल तक की सजा हो सकती है. पुलिस तलाक देने वाले पति को बिना वारंट गिरफ्तार भी कर सकती है.

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राहुल गांधी राहुल गांधी

वरुण शैलेश

  • लंदन,
  • 26 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 1:36 PM IST

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन तलाक के मुद्दे पर पहली बार प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी को तीन तलाक विधेयक में 'अपराधीकरण' के मुद्दे को लेकर दिक्कत है. इस विधेयक को कोर्ट और संसद में बाधित करने के सवाल पर राहुल गांधी ने यह बात कही.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी तीन तलाक बिल को बाधित नहीं कर रही है बल्कि उनकी पार्टी के जहन में इस बिल में 'अपराधीकरण' के मसले को लेकर सवाल है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'हमारा मसला विधेयक में अपराधीकरण वाले पहलू के साथ जुड़ा हुआ है.'

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस पर तीन तलाक विधेयक को संसद में बाधित करने का आरोप लगाती रही है. यह विधेयक लोकसभा में 29 दिसंबर 2017 को पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में अभी इसे पेश किया जाना बाकी है. भाजपा इस विधेयक को 29 जनवरी को शुरू हुए बजट सत्र में ही पारित करना चाहती थी, लेकिन तमाम वजहों से संसद की कार्यवाही 6 अप्रैल तक स्थगित कर दी गई. वहीं कांग्रेस नीत विपक्ष की मांग है कि इस बिल को चयन समिति के पास भेजा जाना चाहिए ताकि इसके अन्य पहलुओं पर भी विचार विमर्श किया जा सके.

बता दें कि प्रस्तावित विधेयक के मुताबिक अब कोई भी पुरुष अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक देता है तो उसे अमान्य माना जाएगा. कानूनी तौर पर पति-पत्नी का रिश्ता नहीं टूटेगा. चाहे पति ने तीन तलाक लिखकर, बोलकर या मैसेज के जरिए ही क्यों न दिए हों. इसके साथ ही अब तीन तलाक देने वाले पुरुष को सजा और जुर्माना दोनों भुगतना होगा. तीन तलाक देने वाले पुरुष को तीन साल तक की सजा हो सकती है. पुलिस तलाक देने वाले पति को बिना वारंट गिरफ्तार भी कर सकती है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को कहा था कि तीन तलाक ने हमारी मुस्लिम बहन-बेटियों की जिंदगी को बर्बाद किया है. जिन्हें तलाक नहीं मिला है वो इसके डर और दबाव में जीती हैं. विपक्ष का नाम लिए बिना पीएम ने कहा कि हमने मुस्लिम बहनों को इससे निजात दिलाने के लिए संसद में इसी सत्र में बिल लाने का काम किया लेकिन कुछ लोग अभी इसे पास नहीं होने दे रहे हैं. वे इस बिल के विरोध कर रहे हैं, लेकिन भरोसा रहे मैं उनकी मांग को पूरा करुंगा.

इतना ही नहीं, पीएम मोदी इससे पहले यूपी में एक रैली के दौरान भी  इस मसले पर बयान दे चुके हैं. जिसमें उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना 'कांग्रेस के नामदार' कहते हुए पूछा था कि क्या कांग्रेस में मुस्लिम महिलाओं के लिए भी कोई जगह है या नहीं?

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