जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 की बंदिशों से आजाद हो गया है लेकिन इसे हटाए जाने के प्रस्ताव पर वोटिंग होनी बाकी है. राज्यसभा से सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को पास कर दिया गया, जिसके पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े. इस बिल का विरोध करने वाली कांग्रेस ने मंगलवार के लिए अपने सभी लोकसभा सांसदों को सदन में मौजूद रहने को कहा है. पार्टी ने 3 लाइन का व्हिप जारी किया है.
इससे पहले लोकसभा ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किए जाने के लिए लाए गए प्रस्ताव को पारित कर दिया. इस विधेयक में प्रदेश को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटा गया है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी. सदन ने ध्वनिमत से प्रस्ताव का स्वीकार किया.
इससे पहले गृहमंत्री ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पेश किया जिस पर चर्चा होने के बाद विधेयक को मंजूरी दे दी गई. शाह की ओर से पेश प्रस्ताव के अनुसार, "भारत के राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 3 के प्रावधानों के तहत जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 इस सदन का विचार जानने को भेजा है, क्योंकि भारत के राष्ट्रपति की 19 दिसंबर 2018 की अधिघोषणा के अनुसार, इस सदन के पास जम्मू-कश्मीर राज्य की विधायी शक्ति प्राप्त है."
गृहमंत्री ने विपक्ष को भरोसा दिलाया कि वह विधेयक पर उनके सवालों का जवाब देंगे और मंगलवार को सदन में विधेयक पेश होने पर बहस में हिस्सा लेंगे. विपक्ष ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताई और शाह से जवाब मांगा. लोकसभा में शोर-शराबे के बीच विधेयक पर प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया.
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