कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) के बीच अनबन की खबरें लगातार आ रही हैं. पिछले कई महीनों से दोनों पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी कर रही हैं, जबकि दोनों की मिलीजुली सरकार कर्नाटक में एक साल से चल रही है. रविवार को जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ ने कांग्रेस को खुली चुनौती दी. उधर कांग्रेस ने भी इस पर पलटवार किया जिसकी कमान खुद सिद्दारमैया ने संभाली.
कर्नाटक यूनिट के जेडीएस अध्यक्ष विश्वनाथ ने कहा, 'अगला चुनाव होने में अभी 4 साल बाकी हैं तो क्यों हम अभी से भविष्य के बारे में अनुमान लगाएं. इतना तय है कि यह सरकार अगले 4 साल तक चलेगी. 4 साल बाद सिद्दारमैया मुख्यमंत्री बनते हैं तो यह देखने वाली बात होगी.' विश्वनाथ ने कहा, 'वे (सिद्दारमैया) 5 साल तक मुख्यमंत्री रहे और इसकी शेखी बघारते हैं. मगर ऐसा था तो उनकी सीटें 125 से घटकर 79 पर क्यों आ गईं? अगर आपने अच्छा प्रशासन चलाया तो 130 से घटकर 79 पर क्यों आ गए? इसलिए इंतजार करिए, इतनी भी जल्दी क्या है. कुमारस्वामी अगले 4 साल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. आगे देखेंगे कि जनता किसे अपना आशीर्वाद देती है.'
जेडीएस अध्यक्ष विश्वनाथ की इन बातों का कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने जवाब दिया और कहा, 'विश्वनाथन के बयान जलन से भरे हैं जिसके बारे में कोऑर्डिनेशन कमेटी में बात करूंगा. पहले जीटी देवगौड़ा ने बोला और एच. विश्वनाथ की बातें सामने आई हैं. मुझे नहीं पता आगे कौन बोलेगा. अच्छा रहेगा कि जेडीएस के सीनियर नेता अपने नेताओं के गैर-जिम्मेदाराना बयानों का संज्ञान लें. हमारी जुबान बंद है क्योंकि हम गठबंधन धर्म से बंधे हैं, इसलिए विश्वनाथ की बातों पर प्रतिक्रिया नहीं दूंगा. वे ऐसे बयान देने के लिए जाने जाते हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें सद्बुद्धि मिले.'
इस साल जनवरी में दोनों पार्टियों के बीच दरार तब और उजागर हो गई जब खुद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि अगर कांग्रेस अपने विधायकों को उनके काम करने के तरीके की आलोचना करने से नहीं रोक सकती तो वे अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. कुमारस्वामी ने कहा, अगर किसी को मेरे काम करने का तरीका मंजूर नहीं है तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं. कांग्रेस को निश्चित ही अपने विधायकों को नियंत्रित करना चाहिए और मामले को सुलझाना चाहिए. अगर वे खुली बैठकों में मेरे खिलाफ टिप्पणी करते रहेंगे तो मैं इस्तीफा देना चाहूंगा.
कांग्रेस के दो मंत्रियों और एक विधायक ने आरोप लगाया था कि कुमारस्वामी सरकार में सात महीनों में कोई विकास का काम नहीं हुआ और दावा किया था कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया उनके नेता हैं और वे एक बेहतर मुख्यमंत्री थे. इस पर कुमारस्वामी ने कहा, मैं कुर्सी से चिपके नहीं रहना चाहता हूं. उपमुख्यमंत्री (जी. परमेश्वरा) और मैं अच्छा काम करने की कोशिश कर रहे हैं और एकसाथ काम कर रहे हैं.
जेडीएस के नेता ने यह भी दावा किया कि बीते महीनों में गठबंधन सरकार ने अकेले बेंगलुरू में एक लाख करोड़ रुपए निवेश किया है. आवास मंत्री टी.टी.बी. नागाराजू और पिछड़ा वर्ग मंत्री सी. पुत्तारंगा शेट्टी ने भी कहा था कि सिद्धारमैया उनके मुख्यमंत्री हैं. गठबंधन साथियों के नोकझोंक के बीच परमेश्वरा ने कहा था कि इसमें कुछ गलत नहीं है अगर कांग्रेस नेता यह कहते हैं कि सिद्धारमैया उनके नेता है.
aajtak.in / नागार्जुन