पी. चिदंबरम के बाद संकट में आए कांग्रेस के एक और 'संकटमोचक'

आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी के 13 दिन बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया.

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार (फाइल फोटो) वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:46 AM IST

  • पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बाद डीके शिवकुमार गिरफ्तार
  • कांग्रेस आलाकमान के करीबी माने जाते हैं डीके शिव कुमार

कांग्रेस पार्टी की मुसीबत कम होते नहीं दिख रही है. देश भर में राजनीतिक संकट के वक्त उसके दो 'संकटमोचक' जांच एजेंसियों के शिकंजे में आ गए हैं. आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी के 13 दिन बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया. डीके शिवकुमार दक्षिण भारत में कांग्रेस के बड़े चेहरों में से एक रहे हैं.

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हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका

दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डीके शिवकुमार के खिलाफ समन जारी किया था, जिसके खिलाफ शिवकुमार ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दी थी. 29 अगस्त  को मामले पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने डीके शिवकुमार को कोई राहत नहीं दी और ईडी की समन को खारिज करने से मना कर दिया था.

13 घंटे ईडी ने की थी पूछताछ

वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार 2 सितंबर को ईडी के सामने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीसरी बार पूछताछ के लिए पेश हुए थे. ईडी ने इस मामले में शुक्रवार और शनिवार को 13 घंटे से अधिक समय तक कांग्रेस नेता से पूछताछ की थी.

आय से अधिक संपत्ति का चल रहा मामला

कर्नाटक में डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है. 2017 में आयकर विभाग ने डीके शिवकुमार के 64 ठिकानों पर छापेमारी की थी. उनके खिलाफ टैक्स चोरी की शिकायतों पर यह कार्रवाई हुई थी. उस दौरान डीके शिवकुमार और अन्य कांग्रेस नेताओं ने राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया था.

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आलाकमान के करीबी माने जाते हैं शिवकुमार

सिद्धारमैया के बाद कर्नाटक कांग्रेस में बड़े चेहरे के रूप में डीके शिवकुमार का नाम आता है. वो दक्षिणी कर्नाटक में पार्टी का चेहरा हैं. कांग्रेस आलाकमान के करीबी माने जाते हैं. गुजरात राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेसी विधायकों को कर्नाटक में शिवकुमार के रिजॉर्ट में ठहराया गया था. कांग्रेस के सबसे अमीर प्रत्याशियों में उनका नाम आता है. वो करीब 850 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं. डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. कर्नाटक की सियासत में वोक्कालिगा समुदाय को लिंगायत के बाद दूसरा किंगमेकर माना जाता है. जेडीएस प्रमुख देवगौड़ा इसी समुदाय से आते हैं.

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम हिरासत में

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम INX मीडिया केस में 22 अगस्त को गिरफ्तार किए गए थे. उनकी गिरफ्तारी से पहले काफी ड्रामा चला रहा था. पी. चिदंबरम कांग्रेस के एक मंझे हुए अनुभवी नेता हैं. यह अलग बात है कि कई अवसर पर चिदंबरम के निर्णय (जनलोकपाल आंदोलन और अन्ना हजारे की गिरफ्तारी) की काफी आलोचना हुई है.

राजीव गांधी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिली

राजीव गांधी सरकार में पी. चिदंबरम कार्मिक मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय में उप-मंत्री के तौर पर कार्य कर चुके हैं. साल 1986 में पी. चिदंबरम को लोक-शिकायत व पेंशन मंत्रालय के साथ कार्मिक मंत्रालय में भी मंत्री पद मिला. साल 1986 के अक्टूबर में पी. चिदंबरम को केन्द्रीय गृह मंत्रालय में, आंतरिक सुरक्षा मंत्री का पदभार दिया गया. साल 1991 में पी. चिदंबरम को राज्य मंत्री के पद पर वाणिज्य मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभारी बनाया गया. साल 1995 में वह दोबारा इस पद पर आसीन हुए थे.

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साल 2008 में बने गृहमंत्री

साल 2004 में मनमोहन सरकार में दोबारा पी. चिदंबरम को वित्त-मंत्रालय सौंपा गया. इस पद पर वह 2008 तक रहे. साल 2008 में दिल्ली में हुए आतंकवादी धमाकों के बाद तत्कालीन गृहमंत्री शिवराज पाटिल के इस्तीफा दिए जाने के बाद पी. चिदंबरम को गृहमंत्री बनाया गया था. हालांकि अब चिदंबरम सीबीआई हिरासत में हैं.

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