'अतुल्य भारत' में नए निवेश के लिए मंथन शुरू

पर्यटन और संस्कृति मंत्री डॉ महेश शर्मा ने कॉन्क्लेव की मेजबानी करते हुए कहा कि नई नागरिक उड्डयन नीति की वजह से अगले कुछ महीनों में 60 नए हवाई अड्डे छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ेंगे. सैलानियों को बेहतरीन सुविधा और सुरक्षा देना हमारा पहला फोकस है.

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'अतुल्य भारत' 'अतुल्य भारत'

संजय शर्मा / सुरभि गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:14 PM IST

अतुल्य भारत में निवेश कर देश में मौजूद पर्यटन की अपार संभावनाओं को सामने लाने के लिए तीन दिन का मंथन विज्ञान भवन में शुरू हुआ. इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि दुनिया भर में भारतीय मूल के सबसे ज्यादा लोग हैं, जो हमारे देश के पर्यटन और खासियत दुनिया भर को बताने के लिए बेहतरीन नुमाइंदे हैं. वो भी देश की अर्थव्यवस्था के स्तंभ हैं क्योंकि जिन-जिन देशों में ये लोग रह रहे हैं, वहां भारतीय पर्यटन के अपने आप में ब्रांड एंबेसडर हैं.

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पर्यटन क्षेत्र में अपार हैं संभावनाएं
जेटली ने कहा, 'हमारे यहां विश्व स्तर का सस्ता इलाज और भारतीय पारंपरिक चिकित्सा भी दुनिया को खींच रही है. पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. पर्यटन को बहुआयामी बनाने के लिए, हमें बस उन नायाब आयाम की तलाश कर दुनिया के सामने लाना है.' जेटली ने देश के पर्यटन के नक्शे में आ रहे बदलाव की ओर संकेत करते हुए कहा कि अगले कुछ साल में 40 से ज्यादा रीजनल एयरपोर्ट देश भर में होंगे. अभी 70 से ज्यादा फंक्शनल एयरपोर्ट देश के छोटे शहरों में हैं. उन्हें नागर विमानन का हिस्सा बनाया जा रहा है.

बेहतरीन सुविधा और सुरक्षा देने की कोशिश
पर्यटन और संस्कृति मंत्री डॉ महेश शर्मा ने कॉन्क्लेव की मेजबानी करते हुए कहा कि नई नागरिक उड्डयन नीति की वजह से अगले कुछ महीनों में 60 नए हवाई अड्डे छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ेंगे. सैलानियों को बेहतरीन सुविधा और सुरक्षा देना हमारा पहला फोकस है. दुनिया में हम भारत को सुंदर, सुरक्षित और सुविधा संपन्न पर्यटक मित्र देश के रूप में विकसित कर रहे हैं. इसी का असर है कि देश में पिछले दो साल में पर्यटन और विदेशी मुद्रा बढ़ी है. देश में पर्यटन का भविष्य बेहतर है. तभी पीएम और सरकार का जोर भी इसे बहुआयामी बनाने पर है.

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पर्यटन के हैं अनेक आयाम
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि व्यंजन, धार्मिक यात्रा, खेती, स्वास्थ्य जैसे पर्यटन के अनेक आयाम हैं. नायडू ने कहा, 'हमारे राज्य में तिरुपति बालाजी मंदिर हर साल लाख से ज्यादा सैलानी हैं, और भी स्थल हैं श्रीशैलम या कई और भी जो पर्यटन को नई ऊंचाई दे सकते हैं. बस जरूरत है सर्किट बनाकर उसी के साथ स्थानीय कला, स्वाद और दस्तकारी को भी आकर्षक पैकेजिंग के साथ प्रमोट किया जाए.' उन्होंने बताया कि इस काम में डिजिटल इंडिया, इनक्रेडिबल इंडिया जबरदस्त सहयोग दे रहा है.

23 सितंबर तक चलेगा कॉन्क्लेव
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, 'किसी भी उद्योग के मुकाबले पर्यटन में निवेश ज्यादा फायदा देगा क्योंकि फैक्ट्री में काम करने के मुकाबले होटल या टूरिज्म में काम करना ज्यादा दिलचस्प है. तभी तो हमने सबसे बेहतर पर्यटन नीति बनाई है. हमारे यहां निवेश करें, बालाजी का आशीर्वाद पाएं और पर्यटन क्षेत्र में अपना योगदान दें.' ये कॉन्क्लेव 23 सितंबर तक चलेगा.

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