CJI गोगोई ने बताया, कैसे बदल रहा है सुप्रीम कोर्ट का काम करने का ढंग

चीफ जस्टिस गोगोई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में अब 14 बेंच बनेंगी जो अलग-अलग मामलों को तेजी से निपटाएंगी. अंग्रेजी के जजमेंट को अन्य भारतीय भाषाओं में भी ट्रांसलेट किया जाएगा ताकि आम आदमी इसे समझ सके.

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सीजेआई रंजन गोगोई (फोटो-रॉयटर्स) सीजेआई रंजन गोगोई (फोटो-रॉयटर्स)

रविकांत सिंह / संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को कहा कि महज 48 घंटे में चार जजों की नियुक्ति के फैसले ने उन्हें चौंका दिया और वे काफी हैरान हैं. जस्टिस गोगोई पत्रकारों के कुछ सवालों का जवाब दे रहे थे. इस दौरान कई बातें सामने आईं जिससे पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली में आने वाले दिनों में बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं.  

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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'अब सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग 14 बेंच मामलों की सुनवाई करेंगी. फिलहाल 3 जजों वाले 5 कोर्ट चलते हैं. 28 जज होने के बाद 14 खंडपीठ होंगी जो अलग-अलग मामले तेजी से निपटाएंगी.'

एक सवाल पूछा गया कि इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि 48 घंटों के भीतर 4 जजों की नियुक्ति हुई है. इस पर जस्टिस गोगोई ने कहा, 'इसका जवाब तो लॉ मिनिस्ट्री ही देगी. बुधवार को हमने सिफारिश भेजी थी और शाम को पता चला कि जजों के मेडिकल टेस्ट हो गए हैं.' जस्टिस गोगोई ने हंसते हुए कहा कि 'जब मुझे बताया गया तो मैं भी आपकी ही तरह हैरान हो गया था.' 

जस्टिस गोगोई से अगला सवाल सुप्रीम कोर्ट से जुड़ा कोई थिंक टैंक बनाने को लेकर पूछा गया. इस पर उन्होंने कहा, 'थिंक टैंक बनाने की कोशिश है, ताकि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजमेंट हिंदी और बाकी भारतीय भाषाओं में भी ट्रांसलेट किए जा सकें. इससे आम लोग भी कोर्ट के फैसले को समझ सकेंगे.'

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जस्टिस गोगोई ने आगे कहा, 'इतना ही नहीं, हम इस पर भी काम कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के बड़े बड़े फैसलों को कैसे छोटा कर लोगों तक पहुंचाया जा सके. जनहित याचिका या पीआईएल को लेकर जस्टिस गोगोई ने कहा कि 'पीआईएल को लेकर पहले से ही नॉर्म्स हैं. किसी को जनहित याचिका दाखिल करने से नहीं रोक सकते. गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के विवाद को लेकर भी उनसे सवाल पूछा गया. इस बारे में जस्टिस गोगोई ने कहा कि 'हर फैसले के पीछे कुछ न कुछ वजह होती है. कई बार गलतियां होती हैं. सुधार भी होता है. अब सुधार हो गया है.

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