देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना में छिड़ी जंग और एक दूसरे के खिलाफ शिकायत पर वार पलटवार जारी है. इस बीच अस्थाना की शिकायत पर केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) केवी चौधरी द्वारा पूछे गए सवालों पर वर्मा के जवाब से आरजेडी प्रमुख लालू यादव के बेटे और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को केंद्र और बिहार सरकार दोनों पर हमला करने का मौका मिल गया है.
तेजस्वी यादव ने यह हमला एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपे सीबीआई निदेश आलोक वर्मा के जवाब की खबर साझा करते हुए किया है. इस खबर में राकेश अस्थाना के उस आरोप का जिक्र है जिसमें कहा गया है कि सीबीआई निदेशक ने जानबूझ कर अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करते हुए आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव खिलाफ चल रहे IRCTC स्कैम की जांच को कमजोर किया.
वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक सीबीआई निदेशक ने अपने जवाब में कहा है कि उनके ऊपर अस्थाना ने आरोप लगाए हैं कि IRCTC निदेशक राकेश सक्सेना पर सीबीआई के स्टैंड को उन्होंने कमजोर किया. लेकिन सीबीआई के क्राइम मैनुअल के हिसाब से सक्सेना की तरफ से मामले में कोई प्रक्रियात्मक उल्लंघन नहीं हुआ है. वर्मा ने आगे कहा है कि वो इस मामले के राजनीतिक परिणाम को लेकर चिंतित हैं क्योंकि अस्थाना, बीजेपी के एक नेता, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी और प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बड़े अधिकारी लगातार इस मामले को फॉलो कर रहे हैं.
आलोक वर्मा के इस जवाब को हथियार बनाते हुए तेजस्वी यादव ने ताबड़तोड़ ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा, "हम शुरू से कह रहे थे कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह, नीतीश कुमार और सुशील मोदी प्रतिशोध के चलते हम पर झूठे केस थोप चरित्रहनन कर रहे है क्योंकि 30 वर्ष से बिहार में हम उनकी राह का रोड़ा बने हुए है. सुनो, हम डरने वालों में से नहीं है और ना रहेंगे."
तेजस्वी ने ट्वीट में आगे लिखा, "CBI की लीगल विंग के बाद अब Director आलोक वर्मा ने CVC को रिटायर्ड जज द्वारा मॉनिटर्ड जांच में अपनी रिपोर्ट में हमारे परिवार पर PMO द्वारा किए जा रहे ज़ुल्मों पर सबूत सहित तथ्य पेश किए है. क्या अब ऐसे ही लोकतंत्र और CBI,ED,IT जैसी संवैधानिक स्वायत्त संस्थाओं का मज़ाक बनाया जाएगा?"
उन्होंने ने लिखा "CBI निदेशक के अनुसार बिहार में हारे हुए सुशील मोदी किस हैसियत से PMO अधिकारी से मिलकर सीबीआई से विपक्षी नेता के केस का फ़ॉलोअप कर रहे थे? क्या अब ऐरा गैरा नत्थू खैरा कोई भी भाजपाई CBI को डिक्टेट करेगा? यह एक ग़लत परिपाटी स्थापित की गई है. इसके अनेकों दुष्प्रभाव होंगे."
तेजस्वी ने बीजेपी और नीतीश कुमार की सांठगांठ पर सवाल खड़ा करते हुए ट्वीट में आगे लिखा, "हम लगातार कह रहे थे कि नीतीश कुमार BJP के साथ मिलकर घिनौना षड्यंत्र रच रहे है. अब उनकी नंगई उजागर हो गई है. हमसे पब्लिक डोमेन में स्पष्टीकरण माँग रहे थे कि CBI ने केस किया है अब तो CBI निदेशक ने ही सच बोल दिया है अब कुटिल कुमार क्या कहेंगे? है शर्म क्या श्रीमान अनैतिक कुमार?"
तेजस्वी ने बिहार के मुख्यमंत्री की नैतिकता को ललकारते हुए कहा, "नीतीश कुमार में अगर नैतिकता, अंतरात्मा और शर्म बची है तो जवाब दें. बेशर्मी से सियासत मत कीजिए. जनता की अदालत में आमने-सामने लड़िए. आप विरोधियों को फंसाते है और गोद में बैठने वाले अपराधियों को बचाते हैं. चाचा, अब जनता जनार्दन और भगवान आपके कर्मों या कुकर्मों का हिसाब करेंगे."
गौरतलब है कि सीबीआई ने राकेश अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े सतीश साना नाम के व्यक्ति के मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की थी. इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया. इस गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को सीबीआई ने अस्थाना पर उगाही और फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज किया.
सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी इस जंग के बीच, केंद्र ने सतर्कता आयोग की सिफारिश पर दोनों अधिकारियों को छु्ट्टी पर भेज दिया. और जॉइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया. चार्ज लेने के साथ ही नागेश्वर राव ने मामले से जुड़े 13 अन्य अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया.
विवेक पाठक