चमकी बुखार से मौत: सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने दाखिल किया हलफनामा

बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों की लगातार हो रही मौत के मामले में बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में माना है कि बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं हैं.

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(फाइल फोटो- सुप्रीम कोर्ट- पीटीआई) (फाइल फोटो- सुप्रीम कोर्ट- पीटीआई)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST

बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों की लगातार हो रही मौत के मामले में बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में माना है कि बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं हैं.

बिहार सरकार ने यह भी कहा है कि राज्य स्वास्थ्य विभाग में सभी स्तरों पर कम से कम 50 फीसदी पद रिक्त हैं. सरकार का यह भी मानना है कि स्वास्थ्य विभाग में 47 फीसदी डॉक्टरों के पद और 71 फीसदी नर्सों के पद रिक्त हैं.

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हलफनामे में बिहार राज्य सरकार ने स्वीकार किया है कि राज्य में उपब्ध मानव संसाधनों में भी कमी है. सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने कहा है कि मुजफ्फरपुर मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नजर बनाए हुए हैं.

सरकार इस बीमारी पर काबू करने का हर संभव प्रयास कर रही है. राज्य सरकार ने सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर बेहतर पोषण मुहैया कराने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर इस सप्ताह सुनवाई कर सकता है.

इससे पहले बिहार में चमकी बुखार से हुई मासूम बच्चों की मौतों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा में जवाब दिया था. सीएम नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से हुईं मौतों को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. उन्होंने कहा था कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार को अत्यंत गंभीर मुद्दा है.

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सीएम नीतीश कुमार से पहले राज्य स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने विधानसभा में बताया कि 28 जून तक चमकी बुखार के 720 पीड़ित भर्ती हुए. 586 ठीक हुए और 154 बच्चों की मौत हो गई. मृत्यु दर घटकर 21% रह गई. साल 2011-19 के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ सालों में एईएस के मृत्यु दर कम हुई है.

गौरतलब है कि बिहार में जून में महीन में चमकी बुखार का कहर बरपा. पूरे बिहार में 150 से ज्यादा बच्चों ने चमकी बुखार के चलते अपनी जान गंवा दी. चमकी बुखार से सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर प्रभावित रहा, अकेले यहां 130 से ज्यादा बच्चों की मौत चमकी बुखार से हुई.

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