बिना इंजन के ट्रेन दौड़ने पर रेलवे चेयरमैन ने दी ये सफाई

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने ईस्ट कोस्ट रेलवे के संबलपुर डिविजन में अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस के बिना इंजन के 15 किमी दौड़ने की घटना पर बयान जारी कर खेद जताया है. उन्होंने कहा कि टिटलागढ़ में रेलवे स्टाफ की लापरवाही के चलते अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस ट्रेन बिना इंजन के दौड़ गई. इस घटना के बाद लापरवाही बरतने वाले स्टाफ को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

राम कृष्ण / सिद्धार्थ तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 09 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 12:19 AM IST

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने ईस्ट कोस्ट रेलवे के संबलपुर डिविजन में अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस के बिना इंजन के 15 किमी दौड़ने की घटना पर बयान जारी कर खेद जताया है. उन्होंने कहा कि टिटलागढ़ में रेलवे स्टाफ की लापरवाही के चलते अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस ट्रेन बिना इंजन के दौड़ गई. इस घटना के बाद लापरवाही बरतने वाले स्टाफ को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं.

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इस बयान में कहा गया है कि रेलवे ट्रेन संचालन में शीर्ष स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है. ऐसे घटनाओं को रोकने के लिए खास निर्देश भी जारी किए गए हैं. यात्रियों की सुरक्षा भारतीय रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है. दरअसल, शनिवार को अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस ट्रेन बिना इंजन के 15 किलोमीटर तक दौड़ती रही. रेलवे की इस लापरवाही के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. आनन-फानन में रेलवे ने मामले से जुड़े कर्मचारियों को निलंबित कर दिया.

गनीमत यह रही कि ट्रेन किसी हादसे का शिकार नहीं हुई और ट्रेन में सवार सभी यात्री बच गए, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. यह घटना उस समय हुई, जब ट्रेन केसिंगा की ओर जा रही थी. इस घटना का कारण रेलवे कर्मचारियों द्वारा कोचों के व्हील पर स्किड ब्रेक न लगाना है. नियमों के मुताबिक इन पर भी ब्रेक लगाने पड़ते हैं. जब ट्रेन से इंजन हटाया जाता है, तो उसे दूसरी ओर से लगाया जाता है. इस दौरान ट्रेन के डिब्बों को स्किड ब्रेक लगाकर अपनी जगह पर रोका जाता है.

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इस मामले में संभावना जताई जा रही है कि या तो स्किड ब्रेक नहीं लगाए गए या लगाए भी गए तो ठीक ढंग से नहीं लगाए गए. मामले की असलियत जांच के बाद ही सामने आ पाएगी. बिना इंजन के 15 किमी तक दौड़ी ट्रेन पटरी से भी उतर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. घटना के बाद ट्रेन के डिब्बों को लेने के लिए शनिवार रात करीब 11 बजे टिटलागढ़ से इंजन भेजा गया. यह घटना इसलिए घटी, क्योंकि टिटलागढ़ के बाद रेलवे लाइन ढलान पर है. इसलिए बिना इंजन के ही ट्रेन ढलान की दिशा में चलती रही.

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