प्रधानमंत्री आवास और दफ्तर को साउथ ब्लॉक के पास शिफ्ट किया जा सकता है. इसके साथ ही उपराष्ट्रपति का नया घर नॉर्थ ब्लॉक के आसपास हो सकता है. सेंट्रल विस्टा रीडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट के तहत उपराष्ट्रपति आवास समेत लुटियंस दिल्ली की कई बिल्डिंग को तोड़ा जाएगा.
सेंट्रल विस्टा रीडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट में मौजूदा संसद भवन के पास नया त्रिकोणीय संसद भवन, कॉमन केंद्रीय सचिवालय और तीन किलोमीटर लंबे राजपथ को रीडेवलेप करना है. प्रोजेक्ट से जुड़े सूत्र ने बताया, 'उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के आवास को क्रमशः नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक के करीब शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है. इससे क्षेत्र में ट्रैफिक को आसान बनाने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि वीवीआईपी मूवमेंट के कारण से अक्सर लुटियंस में लोगों को दिक्कत होती है.'
प्रोजेक्ट से जुड़े सूत्र ने बताया, 'पीएम का आवास और ऑफिस काफी करीब होगा, ताकि प्रधानमंत्री घर से ऑफिस चल सकें. इसके साथ ही नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को दो संग्रहालयों में बदलने की भी योजना है. नई संसद भवन में 900 से 1,200 सांसदों की बैठने की क्षमता होगी.'
नए संसद भवन में आरामदायक सीट के साथ हर सीट पर कम्प्यूटर स्क्रीन होगी. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों का दफ्तर भी होगा. त्रिकोणीय संसद भवन का निर्माण अगस्त 2022 तक करने का लक्ष्य है, जब देश अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा. 2024 तक कॉमन केंद्रीय सचिवालय के निर्माण की संभावना है.
पिछले साल अक्टूबर में ही सेंट्रल विस्टा रीडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट की वास्तुकला और इंजीनियरिंग प्लानिंग का कांट्रैक्ट गुजरात की आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइंस को दिया गया है. इसके लिए फर्म को 229.75 करोड़ का भुगतान किया जाएगा. फर्म की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट का मास्टर परियोजना तैयार करने की होगी, जिसमें डिजाइन, लागत अनुमान, लैंडस्केप और ट्रैफिक इंटीग्रेशन प्लान और पार्किंग की सुविधा शामिल है.
(इनपुट- पीटीआई)
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