केंद्र का कबूलनामा, वायु प्रदूषण को लेकर कानून लागू करने में राज्य असफल

केंद्र सरकार मान रही है कि दिल्ली और आसपास के राज्य पर्यावरण को बेहतर रखने के लिए बनाए गए नियमों और कानूनों को ठीक से पालन नहीं करा पा रहे हैं. बढ़े हुए वायु प्रदूषण के बीच पर्यावरण मंत्रालय ने एनसीआर के राज्यों के सचिवों के साथ एक बैठक की.

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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र को NGT ने लगाई फटकार दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र को NGT ने लगाई फटकार

सिद्धार्थ तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:40 PM IST

केंद्र सरकार मान रही है कि दिल्ली और आसपास के राज्य पर्यावरण को बेहतर रखने के लिए बनाए गए नियमों और कानूनों को ठीक से पालन नहीं करा पा रहे हैं. बढ़े हुए वायु प्रदूषण के बीच पर्यावरण मंत्रालय ने एनसीआर के राज्यों के सचिवों के साथ एक बैठक की. इस बैठक बाद केंद्रीय पर्यावरण सचिव ए एन झा ने इस बाबत पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली और आसपास के राज्यों को पर्यावरण के लिए बनाए गए नियमों और कानूनों को सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं.

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पर्यावरण सचिव ने बताया कि बैठक में कई मु्द्दों पर चर्चा हुई, उनके मुताबिक वायु प्रदूषण रोकने के लिए पिछले साल 42 बिंदुओं को लागू करने पर फैसला लिया गया था. लेकिन इन सभी मसलों पर पूरी तरह से एक्शन नहीं लिया गया. एनसीआर के सभी राज्यों से इन बिंदुओं को पूरी तरह से लागू करने को कहा गया है. इसके अलावा राजधानी दिल्ली के आसपास के इलाकों में पुरानी तकनीक पर चल रहे ईंट भट्टों को भी बंद करने का फैसला किया गया है.

केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को वो बताए कि किस तरह से बदरपुर पॉवर प्लांट से निकलने वाले फ्लाई ऐश को रोका जाए. इस बारे में जल्द ही कदम उठाने को कहा गया है. इसके अलावा दिल्ली सरकार को ये भी कहा गया है कि वो पर्यावरण के नाम पर लगाए गए सेस और दूसरे फंड को पर्यावरण बेहतर बनाने के काम में जल्द से जल्द लगाएं. दिल्ली सरकार के सचिव ने इस बाबत केंद्र सरकार को भरोसा दिलाया है.

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इसके अलावा केंद्र सरकार ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड यानी सीपीसीबी को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली-एनसीआर में मौजूद सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले 17 तरह के उद्योगों के कारखानों की जांच करें और देखें कि पर्यावरण के मामले में इस तरह के कारखाने ढील तो नहीं बरत रहे हैं. साथ ही सीपीसीबी चेयरमैन को राज्यों के साथ प्रदूषण के मसले पर नियमित बैठकें करने को भी कहा गया है.

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