सरकार ने एक दिन आगे बढ़ाई तारीख, 30 दिसंबर को होगी किसानों से बातचीत

केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने किसानों को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत 30 दिसंबर को होगी. इससे पहले किसानों ने सरकार को 29 दिसंबर को 4 प्रस्तावों के आधार पर मिलने का प्रपोजल भेजा था.

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केंद्र के नए कृषि कानूनों को विरोध कर रहे हैं किसान (पीटीआई) केंद्र के नए कृषि कानूनों को विरोध कर रहे हैं किसान (पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 28 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:53 PM IST
  • केंद्रीय कृषि सचिव ने किसानों को चिट्ठी लिखी
  • 29 दिसंबर को बातचीत के लिए किसानों ने भेजा था प्रस्ताव
  • इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर बैठक बुलाई

नए कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार और किसान संगठनों के बीच टकराव जारी है. एक तरफ किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार भी बैकफुट नहीं जाना चाहती है. दोनों के बीच अब तक 6 राउंड बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. 

इस बीच केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने किसानों को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत 30 दिसंबर दोपहर 2:00 बजे होगी. किसान यूनियन भी बातचीत के लिए राजी है. बता दें कि किसानों ने सरकार को 29 दिसंबर को 11 बजे 4 प्रस्तावों के आधार पर मिलने का प्रपोजल भेजा था. किसानों की बैठक से पहले सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की एक बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक हुई. 

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इधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकारी प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं, अब चर्चा कानून वापस लेने और स्वामीनाथन रिपोर्ट पर होनी चाहिए. अभी हमारे आंदोलन को 33 दिन हुए हैं, सरकार नहीं मानी तो 66 दिन भी हो जाएंगे.

आंदोलन तेज करने का ऐलान

सरकार को बातचीत का प्रस्ताव देने के बाद किसान संगठनों ने नए साल पर देशभर में जगह-जगह प्रदर्शन का ऐलान किया है. किसान संगठनों का कहना है कि हम 1 जनवरी को पूरे देशभर में प्रदर्शन करेंगे, हम चाहते हैं कि हर कोई किसानों के पक्ष में खड़ा हो. 

अबतक सरकार और किसानों के बीच 6 राउंड की चर्चा हो चुकी है, लेकिन कोई निर्णय नहीं निकला. अब एक बार फिर दोनों पक्ष बातचीत की टेबल पर आए हैं, ऐसे में उम्मीदें बरकरार हैं. दूसरी ओर किसानों ने आंदोलन तेज़ किया है, नए साल तक देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान संगठन सभाएं करेंगे. 
 

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