केंद्र ने SC को सीलबंद लिफाफे में सौंपी राफेल से जुड़ी जानकारी, 29 को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि उसे राफेल सौदे से जुड़ी सारी जानकारी कोर्ट को सौंपनी होगी. केंद्र ने लिफाफाबंद कागजात जमा करा दिए हैं. अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी.

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सुप्रीम कोर्ट की फाइल तस्वीर (पीटीआई) सुप्रीम कोर्ट की फाइल तस्वीर (पीटीआई)

रविकांत सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST

केंद्र सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील से जुड़े फैसले की जानकारी दी. इससे जुड़े कागजात बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को सौंप दी गई.

राफेल डील के खिलाफ पूरे देश में विरोधों के बीच चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार से इस समझौते की प्रक्रिया की पूरी जानकारी मांगी थी. कोर्ट ने कहा था कि राफेल की तकनीकी और इस सौदे से जुड़े फैसले की सभी जानकारी सरकार को कोर्ट को सौंपनी होंगी. कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को मुकर्रर हुई है.

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इससे पहले 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को सीलबंद लिफाफे में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था. कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह बताए कि उसने राफेल डील को कैसे अंजाम दिया है. 29 अक्टूबर तक डील की प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया था.

चीफ जस्टिस ने अटॉर्नी जनरल से कहा था कि सरकार से कहिए कि इस बारे में कोर्ट को सूचित किया जाए कि राफेल डील कैसे हुई. हम यह साफ कर दें कि हमने याचिका में लगाए गए आरोपों का संज्ञान नहीं लिया है. यह आदेश केवल यह सुनिश्चित करने के लिए है कि फैसला लेने में पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया. हम राफेल विमान की कीमत या एयरफोर्स के लिए इसकी उपयोगिता के बारे में नहीं पूछ रहे हैं.

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इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि रक्षा सौदों में प्रोटोकॉल होता है. यह बताया जा सकता है. इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि अगर हम डील की जानकारी को छोड़कर इसमें फैसले लेने की प्रक्रिया की जानकारी मांगें तो क्या आप यह उपलब्ध करा सकते हैं? अटॉर्नी जनरल ने इस पर हामी भरी थी.

इस मामले की सुनवाई देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कर रहे हैं. वकील मनोहर लाल और विनीत ढांडा याचिकाकर्ता हैं. वकील विनीत ढांडा ने याचिका दायर करते हुए मांग की है कि फ्रांस और भारत के बीच आखिर क्या समझौता हुआ है उसे सार्वजनिक किया जाए. इसके अलावा मांग की गई है कि राफेल की वास्तविक कीमत भी सभी को बताई जाए. पिछली सुनवाई याचिकाकर्ता की तबीयत खराब होने के कारण टल गई थी.

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