सुप्रीम कोर्ट द्वारा आलोक वर्मा को एक बार फिर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक पद पर बहाल करने का केंद्र सरकार ने स्वागत किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि सरकार ने सीबीआई की साख बचाने के लिए सीवीसी की सिफारिश के आधार पर फैसला लिया था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सिर्फ सीवीसी की सिफारिशों के आधार पर ही सीबीआई के दोनों शीर्ष अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा था.
अरुण जेटली ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे, हालांकि अभी सरकार इस फैसले का अध्ययन करेगी. उन्होंने ये भी कहा कि ये मामला अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार का किसी व्यक्ति विशेष के पक्ष या निष्पक्ष में रवैया नहीं है, जब आरोप लगने के बाद सीवीसी की सिफारिश पर ही सरकार ने काम किया था.
वित्त मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि इससे सीबीआई के डायरेक्टर को संरक्षण मिला है. जो मामला चल रहा था उसमें आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा था.
उन्होंने ये भी कहा कि सीबीआई के मामले में दो तरीके के प्रावधान हैं. पहले में अगर ट्रांसफर से जुड़ा मामला होता है तो हाई लेवल कमेटी के पास जाता है, लेकिन भ्रष्टाचार से जुड़ा कोई मामला है तो सीवीसी की सिफारिश पर भी काम हो सकता है. अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने लक्ष्य सिर्फ सीबीआई की स्वायत्ता को बचाना था.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया था. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद आलोक वर्मा दोबारा सीबीआई के निदेशक पद पर बहाल होंगे, जबकि राकेश अस्थाना, नागेश्वर राव स्पेशल डायरेक्टर के पद पर बहाल होंगे. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को विपक्ष ने मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका करार दिया है.
राहुल श्रीवास्तव